रोहतास को मिला मेगा फूड पार्क, मुंह ताकते रहे राहुल गांधी
पटना। बिहार के रोहतास जिले को मेगा फूड पार्क मिल भी गया और अमेठी के सांसद राहुल गांधी मुंह ताकते रह गये। जी हां इसे कहते हैं सत्ता से दूर होने का कोफ्त! राहुल गांधी ने जिस फूड पार्क की परिकल्पना अमेठी के लिये की थी, केंद्र ने उसी स्तर का फूडपार्क रोहतास को दे भी दिया।
ज्ञात हो कि बजट सत्र के दौरान अमेठी में मेगा फूड पार्क स्थापित करने को लेकर सदन के अंदर राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बीच तल्ख बहस हुई थी। उस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बदले की राजनीति करने का अरोप भी लगाया था। यही नहीं केंद्रीय मानवसंसाधन मंत्री स्मृति ईरानी भी उस फसाद में कूद पड़ी थीं।
खैर अमेठी को फूड पार्क मिलेगा यह तो पक्का है। यह काम स्मृति ईरानी के हाथों होगा, यह भी पक्का है, क्योंकि अगले चुनाव तक भाजपा अमेठी में स्मृति की दावेदारी पक्की करना चाहती है।
अब बात बिहार के मेगा फूड पार्क की। चलिये पढ़ते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
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इस
फूडपार्क
पार्क
से
करीब
6000
लोगों
को
रोजगार
मिलेगा।
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इस
परियोजना
से
कम
से
कम
30
हजार
किसान
लाभान्वित
होंगे।
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फूडपार्क
की
नींव
केंद्रीय
खाद्य
मंत्री
हरसिमरत
कार
ने
रखी।
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इसके
निर्माण
की
जिम्मेदारी
जेवीएल
मेगा
फूड
पार्क
लिमिटेड
को
दी
गई
है।
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यहां
पर
अत्यधुनिक
तकनीकियों
के
माध्यम
से
फूड
प्रोसेसिंग
सेक्टर
को
मजबूती
दी
जायेगी।
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इस
फूड
पार्क
से
बिहार
में
अनाज,
सब्जी,
दालें,
फल,
आदि
खराब
होने
से
बच
सकेंगे।
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बिहार
में
अगला
फूडपार्क
खगड़िया
में
और
फिर
बक्सर
में
बनेगा।
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इस
परियोजना
पर
कुल
117.2
करोड़
रुपए
का
खर्च
आयेगा।
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यह
फूडपार्क
85
एकड़
भूमि
पर
बनेगा।
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इसके
लिये
एक
बैकवर्ड
लिंकेज
और
रोहतास,
मुजफ्फरपुर
और
वाराणसी
में
3
प्राइमरी
प्रोसेसिंग
सेंटर
खोले
जायेंगे।
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परियोजना
शुरू
होने
पर
यहां
2000
मेगाटन
कच्चा
माल
रखा
जा
सकेगा।
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इस
फूड
पार्क
में
15,000
मेगा
टन
अनाज
रखा
जा
सकेगा।
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2000
मेगाटन
प्रोसेस्ड
फूड
प्रॉडक्ट्स
रखे
जा
सकेंगे।
- 500 मेगा टन फूड प्रॉडक्ट्स रखने के लिये डीप फ्रीज़ की सुविधा होगी।