राजभवन में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल की लाश को बिहार पुलिस ने नहीं पहचाना, लावारिस मानकर किया अंतिम संस्कार
पटना। बिहार पुलिस अपने कारनामों की वजह से एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार चर्चा का कारण कुछ ऐसा है जिसे जान आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल, राजभवन की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल अशोक पासवान का शव गांधी मैदान इलाके में मिला था। लेकिन पटना पुलिस अपने कांस्टेबल को नहीं पहचान सकी। पुलिस ने अपने ही कांस्टेबल को लावारिस घोषित कर उसका दाह संस्कार कर दिया। वहीं, मामला सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल के पास से कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके।
मीडिया खबरों के मुताबिक, बीते 16 जुलाई को पुलिस लाइन में तैनात अशोक पासवान को राजभवन की सुरक्षा में तैनात किया गया। इसी दौरान वे संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। अशोक पासवान की गुमशुदगी का मामला परिजनों ने बुद्धा कालोनी थाना में दर्ज करवाया था। इस बीच पटना के गांधी मैदान इलाके में एक शव मिला। आश्चर्यजनक यह है कि पुलिस अपने ही कांस्टेबल को नहीं पहचान सकी और शव ना ही शव की शिनाख्त के प्रयास किए। पुलिस ने 72 घंटे तक परिवार के लोगों का इंतजार किया और फिर शव को लावारिस मानने के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया।
मृतक के पुत्र अखिलेश की मानें तो पुलिस ने अगर लावारिस शव की फोटो लेकर पटना के थानों में पूछताछ की होती तो उनके पिता की पहचान हो गई होती। इस मामले में पुलिस महकमे में समन्वय का हाल यह रहा कि गांधी मैदान थाना ने बुद्धा कॉलोनी थाना से गुमशुदगी के मामलों को लेकर पूछताछ तक नहीं की। ऐसा तब हुआ, जब कोई शव मिलने के बाद सभी थानों से इसकी पुष्टि कराने का प्रावधान है। हाल तो यह है कि पुलिस ने शव की तस्वीर की पहचान करवाने की भी जहमत नहीं उठायी।
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