पटनाः विधान परिषद के चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को बड़ा झटका, 5 एमएलसी ने थामा जेडीयू का दामन
पटना। एक तरफ बिहार में राष्ट्रीय जनता दल बड़ी पार्टी बनकर उभरना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी के लोग छोड़कर जा रहे हैं। इसी साल चुनाव होने के कारण प्रदेश में सियासी उठापटक जारी है। ताजा मामला यह है कि आरजेडी के पांच विधान पार्षदों ने जेडीयू का दामन थाम लिया है। जेडीयू का दामन थामने वाले राधा चरण सेठ, संजय प्रसाद, रणविजय सिंह, दिलीप राय और कमरे आलम हैं। इन दिनों बिहार में दलबदल का खेल तेजी से चल रहा है।
बता दें कि इससे पहले आरजेडी ने जेडीयू के कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया था। पार्षदों ने आरजेडी का उस वक्त हाथ छोड़ा है सब प्रदेश में विधान परिषद का चुनाव बेहद करीब है। बीते 16 जून को जेडीयू के पूर्व एमएलसी जावेद इकबाल अंसारी ने जेडीयू का दाम छोड़ आरजेडी का हाथ थाम लिया था। उनके अलावा जेडीयू के पूर्व विधायक रामनरेश सिंह की बेटी शगुन सिंह ने आरजेडी का दामन थाम लिया था। साथी ही पूर्व एडीजी अशोक गुप्ता ने भी आरजेडी के साथ विधानसभा चुनाव में जाने का फैसला किया था।
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जब कई लोग जेडीयू का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम रहे थे तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि लोगों को अब आरजेडी में अपना भविष्य नजर आने लगा है। वे आरजेडी को सम्मानित कर रहे हैं और आरजेडी उन्हें सम्मानित कर रही है। लालू यादव ने गरीबों का उत्थान किया है, ये वो जानते हैं। हालांकि मंगलवार को एक साथ पांच एमएलसी ने आरजेडी का साथ छोड़ तेजस्वी यादव को जोरदार झटका दिया है।
विधानपरिषद का चुनाव करीब आते ही राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है। आरजेडी कोटे से एमएलसी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान भले ही अब तक नहीं हुआ है, लेकिन विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। सोमवार को राघोपुर से आये सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया और पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय को एमएलसी प्रत्याशी बनाने की मांग की। इनका कहना है कि जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक बाहर से आये लोगों को MLC बनाने की सूचना मिल रही है।
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