बिहार में कोरोना के चलते दो प्रमुख डॉक्टरों की मौत, अब तक 6 ने गंवा दी है जान
पटना। बिहार में कोरोना का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। अब आम लोगों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स के भी मौत के मामले सामने आने लगे हैं। ताजा मामला पटना एम्स का है, जहां इलाज के दौरान कोरोना से प्रदेश के दो डॉक्टरों की मौत हो गई। एम्स के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार के अनुसार पीएमसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह और सुपौल निवासी हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र चौधरी की मौत इलाज के दौरान हुई थी, जो कि अरवल में तैनात थे।
डॉ. मिथिलेश शुक्रवार को ही दिन में ही एम्स में भर्ती कराए गए थे। जबकि डॉ. महेंद्र पिछले सात दिनों से भर्ती थे। वहीं मसौढ़ी के डॉ. अवधेश कुमार सिंह की मौत भी इलाज के दौरान किसी निजी नर्सिंग होम में हुई। हालांकि उनकी कोरोना टेस्टिंग नहीं हो पाई थी। वहीं 5 डॉक्टर ने कोरोना पर विजय भी प्राप्त की है।
मूल रूप से सुपौल के रहने वाले 66 वर्षीय डॉ महेंद्र चौधरी अरवल जिला में मेडिकल ऑफिसर में कार्यरत थे और ओर्थोपेडिक के अच्छे सर्जन थे। वहीं पटना के कदमकुआं, राजेंद्र नगर के रहनेवाले पीएमसीएच में रेडियोथेरेपी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष 70 वर्षीय डॉ मिथलेश कुमार की भी कोरोना से पटना एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि शुक्रवार को ही पटना एम्स से पांच डॉक्टर कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर डिस्चार्ज भी किए गए।
स्वस्थ होकर घर लौटे डॉक्टरों में आलमगंज के डॉ एमडी आलम, सीतामढ़ी के डॉ सुनील कुमार सिंह, रामगढ़ चंपारण के डॉ अतुल राय, बोरिंग रोड कृष्णापुरी के डॉ सिवेंद्र कुमार सिंह और दरभंगा के डॉ डी एन महतो शामिल हैं। एक दिन में दो बड़े डॉक्टर का कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान मौत होने से एम्स के डॉक्टरों ने अफसोस जाहिर किया है।
वहीं पटना के बिहटा थाना क्षेत्र के एक युवक ने कोरोना के इलाज के दौरान पटना एम्स की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पटना एम्स की यह दूसरी मौत है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव बिहटा के मोहमदपुर के रहने वाले राजेश कुमार के पुत्र रोहित कुमार ने डिप्रेशन में आकर एम्स के चौथे तल्ला से कूदकर आत्महत्या कर ली।