तेज प्रताप के लोटा भर जल बयान से लगा रघुवंश बाबू को सदमा, बर्दाश्त नहीं कर पाए: जीतनराम मांझी
पटना। राजद के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह निधन के बाद भी बिहार की चुनावी सियासत में चर्चा में बने हुए हैं। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को संबोधित कर लिखी गई उनकी चिट्ठी पर भी सवाल उठ रहे हैं, वहीं पार्टी से उनकी तनातनी को लेकर एनडीए के नेता भी लालू के कुनबे और राजद पर हमलावर हो रहे हैं। हाल में एनडीए का हि्स्सा बने हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के उस बयान की तरफ ध्यान दिलाया है जिसमें उन्होंने राजद में रघुवंश प्रसाद सिंह की तुलना एक लोटा जल से की थी। मांझी ने कहा कि इसी बयान की वजह से रघुवंश बाबू को सदमा लगा।
श्रद्धांजलि देने क्यों नहीं आए तेज प्रताप: मांझी
जीतनराम मांझी ने तेज प्रताप यादव के बारे में कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि देने जब मुख्यमंत्री, तेजस्वी यादव समेत अन्य लोग पहुंचे तो वो क्यों नहीं आए? कहा कि श्रद्धांजलि देने न आना तेज प्रताप यादव के संस्कार के बारे में बताता है। तेज प्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह को समुद्र में लोटा भर जल कहा था जिस वजह से उनको बहुत पीड़ा हुई। रघुवंश बाबू वह पीड़ा सह नहीं पाए। मांझी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने 35 साल तक पार्टी को सींचा उसको लोटा भर पानी समझा जाएगा तो वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। उन्होंने लालू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि रघुवंश बाबू का देहांत नहीं हुआ, उनकी साजिशन हत्या हुई।
भाजपा नेता ने भी मिलाए मांझी के सुर में सुर
वैशाली के अपने प्रतिद्वंद्वी लोजपा नेता रामा सिंह को पार्टी में शामिल करने की भनक मिलने पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वो कोरोना से संक्रमित भी थे। पटना एम्स में उनका इलाज चला। कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद उनको निमोनिया हो गया था जिसका इलाज वे दिल्ली एम्स में करा रहे थे। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। रविवार को उनका निधन हो गया। दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान भी राजद उनको मनाने में लगी थी लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया था। एक पत्रकार ने जब रघुवंश की नाराजगी पर तेज प्रताप से सवाल पूछा तो वह बोल गए कि राजद समंदर है, लोट भर जल निकल जाएगा तो क्या फर्क पड़ जाएगा? इस बयान के बाद लालू ने तेज प्रताप को तलब कर फटकार लगाई थी। भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने भी जीतनराम मांझी के बयान पर कहा कि तेज प्रताप का लोट भर जल वाला बयान रघुवंश बाबू के राजनीतिक जीवन पर सबसे बड़ा हमला था।
रघुंवश प्रसाद के पत्र पर सियासत
राष्ट्रीय जनता दल ने जीतनराम मांझी के इस बयान पर पलटवार किया है। पार्टी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतनराम मांझी जिस गठबंधन के साथ गए हैं, वहां पहले से ही मौत पर सियासत होती रही है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर पहले राजनीति की और अब रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर सियासत कर रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह हमेशा राजद की गरिमा की बात करते थे, उन पर सियासत बंद होनी चाहिए। आखिरी दिनों में रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी से इस्तीफे और नीतीश को लिखी चिट्ठी मीडिया में आई जिस पर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने सवाल करते हुए कहा कि आईसीयू से कोई पत्र कैसे लिख सकता है? कांग्रेस ने इस पत्र को साजिश बताया है। पलटवार करते हुए जदयू नेता और मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि रघुवंश प्रसाद की भावना पर उनकी सुधि न लेने वाले सवाल उठा रहे हैं। भाजपा ने राजद नेताओं को अनपढ़ और गवार बताते हुए कहा कि विद्वान नेता की लेखनी पर सवाल खड़ा किया जा रहा है।
रघुवंश बाबू की चिट्ठी पर RJD ने उठाए सवाल तो BJP ने कहा- राजद गंवारों की पार्टी है