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Bihar: राजधानी हादसे के पीछे 'खूनी रेलवे ट्रैक' तो नहीं!

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पटना। अभी तक भले ही रेलव दुर्घटनाओं को महज राजकीय लापरवाही कहकर पल्ला झाड़़ लिया जाता रहा हो पर जिस तरह राजधानी हादसे के बाद ट्रैक को चन्ह‍ित किया गया है, उससे एक अलग ही तस्वीर उभर कर आ रही है। छपरा कचहरी और गोल्डेनगंज स्टेशनों के बीच स्थित विशुनपुरा से शिवरहिया ढाल के मध्य पांच सौ मीटर का रेल ट्रैक अब ‘खूनी ट्रैक' के नाम से जाना जाने लगा है।

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बीते दिनों हुए राजधानी एक्सप्रेस हादसे के बाद स्थानीय लोग इस ट्रैक की चर्चा इसी नाम से कर रहे हैं। इस हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब चार दर्जन यात्री घायल हो गये। कुछ घायल यात्री अब भी पीएमसीएच में भर्ती हैं। स्थानीय लोग उन रेल दुर्घटनाओं की चर्चा करते हुए सहम जाते हैं व इसे किसी 'खूनी षढ़यंत्र' की शक्ल देने लगते हैं।

यहां इसके पूर्व भी दो बड़े हादसे हो चुके हैं। मार्च 2012 में यहां ट्रेन से कट कर पांच बच्चों की मौत हो गई थी। गड़खा प्रखंड के मुबारकपुर गांव के ये बच्चे ट्रैक से माथे पर घास का बोझा लेकर गुजर रहे थे, तभी एक साथ अप ट्रैक पर बाघ एक्सप्रेस और डाउन ट्रैक पर मालगाड़ी आ गई।

बच्चे इधर-उधर दौड़े पर दोनों ट्रैक से गुजर रहीं ट्रेनों की वजह से बच नहीं पाए। यह वही स्थल था, जहां राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसके बाद पिछले वर्ष के 3 मार्च को शिवरहिया ढाल के पास डेढ़ सौ भेड़ और बकरियां ट्रेन से कट गई थीं।

उस समय भी अप ट्रैक पर बाघ एक्सप्रेस और डाउन ट्रैक पर मालगाड़ी गुजर रही थी। क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार मुकुंद कहते हैं कि ''स्थानीय लोगों से जब इस बारे में चर्चा की गई तो सामने आया कि इस ट्रैक के आस-पास से गुजरने में भी लोग गुरेज करते हैं व कोश‍िश करते हैं कि इसके करीब से ना गुजरना पड़े।''

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English summary
In Bihar Rajdhani Express accident is in list of previous ones
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