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चारा घोटाले की फाइल गायब, कहीं लालू को बचाने की साजिश तो नहीं?

By मुकुन्द सिंह
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पटना (मुकुन्द सिंह)। सचिवालय, बिहार का सबसे सुरक्षित जगह। हर वक्त सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहता है। लेकिन इसके बावजूद पशुपालन विभाग से चारा घोटाले की महत्वपूर्ण फाइल गायब हो जाना और मामले में प्राथमिकी 20 दिन बाद दर्ज कराना इन सभी में एक साजिश की बू आ रही है। इसके अलावा सरकार में राम जेठमलानी का शामिल होना भी एक बड़ा सवाल है। इस पूरे मामले के बाद बिहार में एक बार फिर से सियासी संग्राम शुरु हो गया है।

लालू को सता रहा है बीजेपी डर ,कहीं ये लोग मेरे और राबड़ी में तलाक न करवा देलालू को सता रहा है बीजेपी डर ,कहीं ये लोग मेरे और राबड़ी में तलाक न करवा दे

Fodder scam files go missing, BJP sees conspiracy to protect Lalu Yadav

सियासी संग्राम में किन-किन नेताओं ने क्या कहा?

बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह पटना सचिवालय से चारा घोटाले की फाइल गायब हुई है उसे देख यह लगता है कि इसमें कहीं ना कहीं फाइल गायब कराने की साजिश रची गई है। नीतीश सरकार चारा घोटाला की फाइल गायब कर लालू प्रसाद की मदद करना चाहती है। तो HUM के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहां कि सचिवालय से फाइल चोरी हो जाने के मामले को सीबीआई से जांच करानी चाहिए।

साथ ही उन्होंने लालू और नीतीश की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लालू यादव के पहले 10 वर्षों के शासनकाल में चारा घोटाला हुआ और अब उनके दुसरे शासनकाल में चारा से संबंधित फ़ाइलो की चोरी का नया घोटाला सामने आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता में बने रहने के लिए पता नहीं और क्या क्या करना पड़ेगा। वहीं इस फ़ाइल चोरी की घटना की प्राथमिकी सचिवालय थाना में दर्ज होने की बात पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए दानिश ने कहा कि यह अजीब विडम्बना है कि जिस घोटाले की जाँच CBI कर रही है उससे संबंधित फ़ाइल चोरी की घटना की जाँच आख़िर पुलिस कैसे कर सकती है वह भी तब जब घोटालों के अभियुक्त राज्य के सत्ता में शामिल हैं।

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चोरी होने के 20 दिन बाद दर्ज कराई गई प्राथमिकी

आपको बताते चलें कि पटना के विकास भवन में स्थित पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के सचिवालय में अप्रैल महीने में ही चोरों ने अलमारी का ताला तोड़कर फाइल चोरी कर लिया था। यह सभी फाइल विभाग के तीन अलमारियों में रखी हुई थी। वहीं चोरी की गई फाइलों की संख्या 500 से अधिक बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह चोरी 26 अप्रैल को हुई थी। चोरी की खबर मिलते ही पुरे विभाग मे खलबली मच गई थी।

जिसके बाद विभागीय स्तर पर मामले की जांच शुरु कर दीजिए। लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो 30 अप्रैल को नजदीकी सचवालय थाने को मामले की जानकारी दी गई। वही पुलिस द्वारा दर्ज किए गए करीब 50 पेज की प्राथमिकी में उन तमाम फाइलों की जानकारी दी गई है जो चोरी हुई थी। जिनमें से ज्यादातर फाइलें 1999 से लेकर 2011 तक की है।

90 के दशक में हुआ था देश का चर्चित चारा घोटाला

उल्लेखनीय है कि 90 के दशक में जब राजद की सरकार थी तब पशुपालन घोटाला हुआ था। इस घोटाले के वजह से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपने पद से इस्तीफा ही नहीं देना पड़ा उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वहीं इस चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता भी हुए। बिहार के चर्चित चारा घोटाले में लालू यादव की सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। लोगों ने लालू को कई तरह से कोसने का काम किया था। लेकिन एक बार फिर यह मामला और पशुपालन एवं मत्स्य विभाग फाइल चोरी होने के बाद सुर्खियों में आ गया है।

कौन कौन थे इस घोटाले में शामिल

चर्चित चारा घोटाला में तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। जिसने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र और सांसद जगदीश शर्मा का नाम सबसे चर्चित था। वहीं इन लोगों के साथ साथ विभाग से जुड़े कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे। जिनको इस मामले में सजा सुनाई गई है। जिनमें से डॉ भेंगराज, डॉ आर के राणा, डॉ राम राज राम, जगदीश शर्मा आदि कई गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

English summary
Three important files related to the fodder scam have gone missing from the office of Animal and Fisheries Resources Department office in Patna.
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