SSR Death Case: IPS विनय तिवारी को लेकर BMC ने पटना पुलिस को भेजा जवाब, DGP गुप्तेश्वर पांडे ने कहा- यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण
पटना। केंद्र सरकार ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश मान ली है। बिहार पुलिस की जांच को चुनौती देने वाली रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। जस्टिस ह्रषिकेश रॉय इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। इधर, आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटाइन किए जाने के मामले में बीएमसी ने पटना पुलिस को जवाब भेजा है। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि एसपी विनय तिवारी अब 14 दिन तक वहीं कैद रहेंगे।
डीजीपी ने कहा- बीएमसी का यह फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण
गुप्तेश्वर पांडेय ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी, ''पटना IG ने BMC के चीफ को पत्र लिखकर IPS विनय तिवारी को क्वारंटाइन करने का विरोध करते हुए उनको मुक्त करने का अनुरोध किया था, जिसको ठुकरा दिया गया है। BMC ने पत्र का जबाब भी पटना पुलिस को भेज दिया है। यानि हमारे SP विनय तिवारी अब 14 दिन तक वहीं कैद रहेंगे। BMC का यह फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण!'' 3 अगस्त को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट कर बताया था कि बिहार कार्डर के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में रात 11 बजे जबरदस्ती क्वारंटाइन कर दिया गया। विनय तिवारी सुशांत सिंह राजपूत केस में जांच करने वाली टीम का नेतृत्व करने गए थे। अब ये यहां से कहीं निकल नहीं सकते।
सीबीआई को सौंपी गई सुशांत की मौत की जांच
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई स्थित घर में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान कर जांच कर रही है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में रिया चक्रवर्ती समेत हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की कई नामचीन हस्तियों से पूछताछ की है। बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफ़ारिश की थी। बिहार सरकार की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि सुशांत सिंह की मौत मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुशांत की मौत मामले का सच सामने जरूर आना चाहिए।
विनय तिवारी को क्वारंटाइन करने पर कोर्ट ने की तीखी टिप्पणी
कोर्ट ने महाराष्ट्र में बिहार पुलिस के अधिकारी को क्वारंटाइन किए जाने पर भी तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि मुंबई पुलिस की कार्यशैली अच्छी है, लेकिन जिस तरह से बिहार पुलिस अधिकारी को क्वारंटाइन किया गया, उससे अच्छा संदेश नहीं गया। वहीं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से कहा गया कि पटना पुलिस को इस मामले में ना तो एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है ना ही इस मामले की जांच का अधिकार है, ऐसा सिर्फ इस मामले में राजनीति करने के लिए किया गया। वहीं, सुशांत के पिता की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस सबूतों को नष्ट कर रही है।