चारा घोटाला फाइल चोरी मामले में झूठ क्यों बोल रही है सरकार? कहीं कोई साजिश तो नहीं
पटना (मुकुन्द सिंह)। बिहार का सबसे चर्चित घोटाला चारा घोटाले की फाइल चोरी कर लिए जाने मामले में सरकार आखिरकार झूठ क्यों बोल रही है? यह सुनकर आपको आश्चर्य होगा कि इस मामले में सरकार के पास से आये बयान मे सरकार झूठी साबित हो रही है।
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क्योंकि बयान में यह कहा गया था कि यह चारा घोटाले की नहीं बल्कि वेटनरी डॉक्टरों की है। लेकिन जब मामले में पुलिस के एफआईआर को देखा गया तो सरकार के द्वारा बोला जा रहा सफेद झूठ सामने आ गया। पुलिस एफआईआर में जिन-जिन फाइलों के चोरी होने का जिक्र किया गया है वह सभी चारे घोटाले में आरोपी हैं। वही इस फाइल चोरी मामले में सरकार की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।
चारा घोटाला फाइल चोरी मामले में झूठ क्यों बोल रही है सरकार?
सरकार ने साजिश की तहत गायब करवाई है फाईल
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले की फाइल गायब होने के बाद सूबे के विपक्ष कि सरकार ने बिहार में चल रहे महा गठबंधन की सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। बिहार की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने एक बार फिर से बिहार में चल रहे महागठबंधन की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चोरी हुई फाइल की जांच सूबे की पुलिस नहीं बल्कि सीबीआई से करवानी चाहिए। क्योंकि सरकार के संरक्षण मे ही ये सारे फाइल गायब हुए हैं।
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फाइल गायब होने के 20 दिन बाद जब यह मामला मीडिया के सामने आया तो विभाग के अधिकारियों द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। वहीं प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद सरकार के द्वारा यह कहा गया कि गायब हुए सारे फाईल वेटनरी डॉक्टर के थे। लेकिन दर्ज प्राथमिकी में जिन जिन फाइलों का उल्लेख किया गया है उसने अधिकांश फाइलें चारा घोटाले से संबंधित हैं। साथ ही इनकी सुनवाई भी न्यायालय में अभी बाकी है।
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पटना के मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के सचिवालय मे करी निगरानी और सीसीटीवी कैमरे के सामने रखे हुए करीब पांच सौ फाइल चोरी हो गए हैं। जिसमें से 50 ऐसे फाइल हैं जिनका चारा घोटाला से संबंध था। क्योंकि पुलिस एफआईआर में जिन जिन लोगों का नाम दर्ज किया गया है वह चारा घोटाला में आरोपी थे। आपको बताते चलें कि पूर्व विधायक आर के राणा के साथ साथ मामले के मास्टर माइंड किंगपिन सहायक निदेशक, योजना, दक्षिणी छोटानागपुर कृष्णमोहन प्रसाद, क्षेत्रीय निदेशक, दुमका शेषमुनि राम, छोटेलाल चैधरी ,शिवबालक चौधरी, बजट पदाधिकारी, निदेशालय ब्रजभूषण प्रसाद, जिला पशुपालन पदाधिकारी, चाईबासा ब्रजनन्दन शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक, पलामू ओम प्रकाश दिवाकर, डा. जेनुल भेंगराज और डा. रामराज राम के साथ-साथ कई अन्य लोगों का नाम इस घोटाले में दर्ज हैं।