बिहार: बेबस पिता बेटे की लाश को बोरी में लेकर 3 किमी चला पैदल, पुलिस-प्रशासन की संवेदनहीनता आई सामने
पटना। सुशासन के दावों की पोल खोलती बेहद शर्मनाक तस्वीरें बिहार के कटिहार जिले से सामने आई हैं। तस्वीरों देखकर आपकी भी रूह तक सहम जाएंगी। दरअसल, कटिहार जिले में एक बेबस पिता को प्लास्टिक की बोरी में अपने 14 साल के मासूम बेटे का शव डालकर करीब तीन किलोमीटर पैदल चलाना पड़ा। ऐसा भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना पुलिस और कटिहार जिला के कुर्सेला पुलिस थाना की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण हुआ है।
ये मामला भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के तीनटंगा गांव का है। जानकारी के मुताबिक, नीरू यादव का 14 वर्षीय पुत्र हरिओम यादव नदी पार करने के दौरान नाव से गिर गया और लापता हो गया। इस बाबत गोपालपुर थाना में भी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था। लेकिन पिता को खोजबीन के दौरान पता चला कि बेटे का शव पास के ही कटिहार जिले के कुर्सेला थाना क्षेत्र के खेरिया नदी के तट पर तैर रहा है।
इसी सूचना पर पिता नीरू यादव जब घाट पर पहुंचे तो उन्हें बेटे का शव सड़ी-गली हालत और जानवरों से नुचा हुआ मिला। बावजूद इसके पिता ने कपड़ों और शारीरिक पर निशान के आधार पर अपने बेटे के शव को पहचान लिया। शव मिलने की सूचना पर गोपालपुर थाना पुलिस और ना ही कटिहार जिला के कुर्सेला पुलिस ने कोई संजीदगी दिखाई। बता दें कि, पुलिस शव मिलने पर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजती है। लेकिन यहां पुलिस शव लेकर थाने आने को कह चली गई।
इस दौरान पुलिस ने एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाई। हालांकि, सिस्टम से हारे बेबस पिता अपने 'कलेजे के टुकड़े' के शव को बोरे में बंद कर तीन किलोमीटर तक पैदल चले। बेबस पिता ने कहा कि करें तो क्या करें, किसी भी थाना पुलिस ने तो गाड़ी उपलब्ध करवायी और न कोई सहानुभूति दिखाई। अब इस सिस्टम से कितने देर तक गुहार लगाते। इसलिए मजबूरी में बच्चे के शव को इसी तरह लेकर आ गए। हालांकि कटिहार अनुमंडल पुलिस अधिकारी अब इस मामले को लेकर किस थाना से और किस पुलिसकर्मी से लापरवाही हुई है, इसके जांच में जुटे हैं।
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