अश्लील भोजपुरी गीतों के खिलाफ उतरी छात्रा
पटना (मुकुन्द सिंह)। बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को सरकार द्वारा मिलने वाली प्रोत्साहन राशि ड्रेस और साईकिल को लेकर हाई स्कूल मे पढ़ने वाली संगीता ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व प्रशासन से अनुरोध करते हुए कहा कि सीएम अंकल या तो अश्लील गानों को बंद करा दें या अपनी साइकिल वापस ले लें। संगीता ने यह मांग तीन दिन पहले उठायी थी। अब तक न तो कोई समाजसेवी संगठन आगे आया और न ही सरकार ने कोई आश्वासन दिया।
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आपको बताते चलें कि आज-कल बिहार मे भोजपुरी में अश्लील गानों का इस कदर बोलबाला हो गया है कि विवाह के समय शहर में अलग-अलग जगहों से गुजरते हुए भोजपुरी की भाषाई ऑडियो संस्कृति से भी दो चार होना पड़ रहा है। सुनने के बाद तो खुद में इतनी शर्मिंदगी महसूस होती है कि लगता है क्या करूँ। डीजे के नाम पर दिल में दर्द देने वाली आवाज़ और ऊपर से उसी गानों पर नशे में लोग झूम उठते हैं।
जिन अश्लील भोजपुरिया गानों पर ठुमके लगाये जाते हैं वे महिलाओं के कानों में भी पड़ते हैं। लेकिन कोई आवाज नहीं उठाता है। सुबह उठो तो यात्री बस में ये गाने सुनने को मिल जायेगा।
भोजपुरी गाने जैसे जिला टॉप लागे लू, चुम्मा मांगेला मस्टरवा जैसे तमाम वाहियात गाने हमारे समाज में जहर घोल रहा है।प्रशासन सिर्फ फरमान सुनाती है जिसे सख्ती से लागू करना चाहिए।हमारा समाज व्यावहारिकता के नाम कितना खोखला होता जा रहा है।
बस नौटंकी शैली बाक़ी है। आइटम सॉन्ग डिस्को में नहीं बल्कि खेतों में फ़िल्मायें जा रहे हैं। आप इन गानों से गुज़रते हुए अलग दुनिया में चले जाते हैं। हमारी नज़रों से अनजान यह दुनिया चुपचाप फलफूल रही है। इसका अपना एक स्वतंत्र बाज़ार है। भोजपुरी गानों की अश्लीलता और भौंडापन गंभीर समस्या है। सारे गाने ऐसे तो नही हैं पर भोजपुरी सिनेमा इस जाल में फंस चुका है। जबकि सरकार से लेकर समाज को इससे कोई सरोकार नहीं है। अब देखना यह है कि संस्कृति मंत्रालय इस बच्ची की डिमांड पर गौर करता है या नहीं।