सीट बंटवारे के तुरंत बाद जीतन मांझी को बड़ा झटका
पटना (मुकुंद सिंह)। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर ऑल इज वेल का नारा दिये जाने के तुरंत बाद जीतन राम मांझी को बड़ा झटका लगा जब वरिष्ठ नेता देवेन्द्र यादव ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा की मांझी कि पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलीं और मांझी ने इस पर सहमति जता दी, लेकिन हम समहमत नहीं।
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हम आपको बता दें कि अभी तक देवेन्द्र का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मांझी को सीटों के बंटवारे में खैरात दी गई है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सीटों के बंटवारे में हम के साथ ऐसा व्यवहार किए जाने से बहुत नाराज हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी में ऐसा महसूस किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और उपेन्द्र कुशवाहा की आरएलएसपी को बेहतर पेशकर मिली जो राज्य में इनके राजनीतिक रसूख से अधिक है। यही कारण है कि लोजपा में भी रोष व्याप्त है।
क्या चल रहा है लोजपा में
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन राजग के घटकों में सीटों के बंटवारे के फार्मूले को लेकर मतभेद था और हमें बताई गई बातों और कल की घोषणा के बीच भिन्नता थी। इसलिए हम सकते में आ गए।
उन्होंने कहा कि हम नाराज नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर पार्टी में चिंताएं हैं। हम स्तब्ध थे। आग लगे बिना धुंआ नहीं उठता है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान की सोमवार देर रात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए बैठक हुई थी।
चिराग पासवान ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि गठबंधन धर्म की कुछ मजबूरियां होती हैं और वह जितना संभव हो सकेगा, उतना लोजपा की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा अध्यक्ष को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। हम इस बात से खुश हैं कि हमारी चिंताओं का सम्मान किया गया है और हम समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। मंगलवार सुबह केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने लोजपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद मतभेद जारी रहने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि राजग में पासवान के सुझावों का उचित सम्मान होता है।