बिहार: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 75 हजार मौतें, वजह अस्पष्ट
पटना, 20 जून: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच बिहार में इस साल जनवरी से मई के बीच में करीब 75,000 लोगों की मौत हुई गई। इन मौतों की वजह स्पष्ट नहीं है। यह प्रदेश की आधिकारिक महामारी से होने वाली मौतों का लगभग 10 गुना है। इस खुलासे के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या राज्य कोविड से होने वाली मौतों को कम करके बता रहा है?
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बिहार में जनवरी-मई 2019 में करीब 1.3 लाख मौतें हुईं। राज्य के नागरिक पंजीकरण प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में इसी अवधि में यह आंकड़ा लगभग 2.2 लाख था, जिसमें लगभग 82,500 का अंतर है। इसमें से आधे से अधिक 62 प्रतिशत की बढ़ोतरी इस साल मई में दर्ज की गई थी।
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वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में जनवरी 2021 से मई 2021 तक 7,717 मौतें हुई हैं। अधिकारियों ने यह भी साफ नहीं किया कि ये मौतें कब हुईं, जैसा कि संशोधित आंकड़े में दर्ज किया गया है, यह माना जा रहा है कि वे 2021 में हुई थीं। इसके बाद भी राज्य में आधिकारिक कोविड की मौतों की कुल संख्या इसकी नागरिक पंजीकरण प्रणाली द्वारा दर्ज की गई अतिरिक्त मौतों का केवल एक अंश है। यह अंतर एक अहम सवाल को खड़ा करता है कि कहीं संशोधित संख्या के बावजूद राज्य अभी भी कोविड की मौतों को कम करके तो नहीं दिखा रहा?
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इसी तरह का मामला मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और दिल्ली में भी देखा गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चला था कि अकेले इन पांच राज्यों में 4.8 लाख अस्पष्टीकृत अतिरिक्त मौतें हुई थीं।