एएन-32 क्रैश: परिजन कर रहे थे सकुशल वापसी की दुआएं, लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के घर में पसरा मातम
पटियाला। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि कर दी कि जो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 क्रैश हुआ है उसमें 13 वायुसैनिकों में से कोई भी जिंदा नहीं बच सका है। जैसे ही यह खबर आई पंजाब के पटियाला के समाना की अग्रवाल कालोनी स्थित फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के घर में मातम पसर गया। इसके बाद वहां रिश्तेदारों और लोगों का तांता लगना शुरू हो गया।
3 जून को हुआ था लापता
गौरतलब है कि 3 जून को असम के जोरहाट से इंडियन एयरफोर्स का ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था। विमान में कुल 13 सैनिक सवार थे। इनमें समाना के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग भी थे। फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के पिता सुरेंद्र पाल को वायुसेना की ओर से जैसे ही यह जानकारी मिली वह परिवार के दूसरे सदस्यों के लिए असम के लिए निकल गए थे। मायूसी के आलम में लोग उनकी सकुशल वापसी की दुआएं कर रहे थे। लेकिन यह दुआएं काम नहीं आईं। वायुसेना की ओर से गुरुवार को उनके परिजनों को शहादत का समाचार मिला तो महौल मातम में बदल गया।
अभी मां को नहीं बताया मोहित के बारे में
बताया जा रहा है कि एएन-32 की क्रैश साइट पर जाकर रेस्क्यू टीम ने जायजा लिया तो सामने आया कि कोई भी जिंदा नहीं बचा है। इसके बाद समाना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के घर शोक का माहौल पसर गया। एएन-32 विमान हादसे के बारे में गुरुवार को वायुसेना ने बताया है कि विमान सवार कोई भी नहीं बचा है। इस खबर के मिलते ही समाना की अग्रवाल कालोनी स्थित फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के घर में मातम पसरा है। उनकी माता को इस बारे में अभी बताया नहीं गया है। मोहित के भाई अशविनी ने बताया कि उनकी माता सुलक्ष्णा गर्ग दिल की मरीज हैं।
घर पर रिश्तेदारों और लोगों का लगा तांता
यहां रिश्तेदारों और लोगों का तांता लगना शुरू हो गया। पार्थिव देह के आने का इंतजार है। बताया जा रहा है कि जवानों को पहले दिल्ली लाया जायेगा। उसके बाद मोहित गर्ग की देह को चंडीगढ़ से होते हुये वायुसेना के विमान से पहले पटियाला फिर समाना लाया जायेगा। फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग की शादी एक साल पहले जालंधर निवासी आस्था के साथ हुई थी, जो बैंक में नौकरी करती हैं और इन दिनों असम में कार्यरत हैं। दोनों की जुलाई में छुट्यिां मनाने की योजना थी।
भाई-बहनों में सबसे छोटे थे मोहित
घर में केवल ताया प्रेम पाल हैं। अब तक वह मोहित के सलामत लौटने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन अब वायुसेना की सूचना के बाद पूरी तरह से सुन्न पड़ गए हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे 27 साल के मोहित गर्ग ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई नाभा के पंजाब पब्लिक स्कूल से की है। इसके बाद वह एनडीए की परीक्षा पास कर भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित गर्ग के पिता सुरिंदपाल व अन्य परिवार के सदस्य समाना वापस पहुंच जाएंगे।