हनीप्रीत-राम रहीम की मुलाकात प्रशासन ने नहीं कराई, सरकार बोली- पहले रिकॉर्ड का रिव्यू करेंगे
पानीपत। हरियाणा की सुनारिया जेल में उम्रकैद भुगत रहे राम रहीम से हनीप्रीत नहीं मिल पाई है। जमानत मिलने के बाद से ही हनीप्रीत राम रहीम से मिलने को आतुर थी। उसने गिड़गिड़ाते हुए पुलिस इजाजत मांगी थी। पुलिस ने व्यवस्था बिगड़ने व अशांति फैलने की आशंका जताई। जिस पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि कानूनन हम किसी को सजायाफ्ता कैदी से मिलने से नहीं रोक सकते। हालांकि, फिर भी हनीप्रीत-रामरहीम की मुलाकात नहीं होने दी गई। अब अनिल विज का फिर से बयान आया है। विज ने कहा है कि सिरसा पुलिस द्वारा सुरक्षा के लिहाज से जो रिपोर्ट दी गई है, उसे पुन: जांचा जाए। बकौल विज, ''हमने पुराने रिकॉर्ड रिव्यू करने के लिए कहा है, रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वे दोनों एक दूजे से मिल सकते हैं।''
हरियाणा सरकार के मंत्री मुलाकात के पक्ष में, पुलिस ने चेताया
विज ने एक दिन पहले कहा था, ''हनीप्रीत राम रहीम से मिले या नहीं, हमने इस मामले में कानूनी सलाह लेने का फैसला किया है। अगर कोई दिक्कत नहीं आती है तो वो जेल में मिल सकते हैं। अभी इस विषय में कोई फैसला नहीं लिया गया है।' बता दें कि, राम रहीम की तरह हनीप्रीत भी जेल में थी, जो पिछले दिनों अंबाला जेल से बाहर आ गई। जबकि, राम रहीम सुनारिया जेल में उम्रकैद भुगत रहा है। राम रहीम को युवतियों से बलात्कार के जुर्म में अगस्त 2017 में सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वह और पैरोल पर जेल से बाहर आना चाहता है।
जेल से बाहर आकर राम रहीम के परिजनों से मिली थी
हनीप्रीत पर आरोप थे कि जब राम रहीम के खिलाफ बलात्कार एवं हत्या के आरोपों के मामलों में कार्रवाई की जा रही थी तो सिरसा-पंचकूला में हनीप्रीति के इशारों पर ही हिंसा भड़की थी। हजारों डेरा अनुयायियों ने उत्पात मचाया था। उपद्रवियों ने वीटा मिल्क प्लांट व बेगू बिजली घर में पेट्रोल बम फेंके थे। कई स्थानों पर आग भी लगा दी थी। हालांकि, पिछले दिनों हनीप्रीत अंबाला जेल से तब बाहर आ गई, जब सीजेएम कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका मंजूर की थी।
2 नवंबर को कोर्ट ने 16 आरोपियों से राजद्रोह हटाया था
जमानत याचिका मंजूर होने से पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हनीप्रीत से देशद्रोह की धाराओं को हटा दिया था। हनीप्रीत व अन्य आरोपियों से भादसं की धारा-121 व 121ए हटाई गई थी। साथ ही IPC की धारा-216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए। 2 नवंबर को कोर्ट ने हनीप्रीत के अलावा 15 अन्य आरोपियों पर से राजद्रोह की धारा हटाई थी।
1000 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी
25 अगस्त 2017 को डेरा सचा सौदा के चीफ राम रहीम को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। जिसके बाद हरियाणा के पंचकूला-सिरसा के अलावा पंजाब के कई हिस्सों में आगजनी एवं दंगे हुए थे। जिनमें 40 से ज्यादा लोग मारे गए थे। पुलिस ने डेरा प्रमुख की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत, डेरा के प्रवक्ता आदित्य इन्सां सहित 1000 लोगों के खिलाफ 177 एफआईआर दर्ज की थीं।
38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई थी हनीप्रीत
केस दर्ज होते ही हनीप्रीत छुप गई थी। पुलिस उसे ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई। सितम्बर 2017 में उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने हनीप्रीत को पंजाब से गिरफ्तार किया है। इसके बाद वह अम्बाला जेल में बंद कर दी गई थी।