बर्खास्त फौजी तेज बहादुर ने करनाल सीट से भरा पर्चा, कहा- पुलवामा हमले की जांच सरकार ने क्यों रोकी?
पानीपत। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने शुक्रवार को जेजेपी की तरफ से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए तेजबहादुर ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। तेजबहादुर ने कहा, पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार ने क्या किया? इसकी जांच क्यों अधूरी रह गई, क्या इसमें सरकार का हाथ था? मुझे शक है कि वोट बटोरने के लिए सरकार द्वारा ही यह सब किया गया था।''
बर्खास्त जवान ने कहा, खट्टर को हरा दूंगा
इसके बाद तेज बहादुर ने कहा कि मैं करनाल से जीत हासिल करूंगा। मुझे विश्वास है कि निश्चित रूप से करनाल की जनता एक सैनिक का साथ देगी। मैं हरियाणा का बेटा हूं और एक ऐसे मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं, जिसके रहते बेरोजगारी बढ़ी। प्रदेश समस्याओं के जाल में घिर गया।'
महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं तेजबहादुर
तेज बहादुर यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव राता कलां से संबंध रखते हैं। वह बीएसएफ में थे। 2017 में उन्होंने सैनिकों को दिए जा रहे खाने की फोटो और वीडियो वायरल कर व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। इसके बाद जांच हुई तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इन दिनों वह रेवाड़ी में रह रहे हैं। हाल ही में रविवार को उन्होंने दिल्ली में पार्टी के अध्यक्षय दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में पार्टी ज्वॉइन की।
मोदी के खिलाफ भी था किया था दावा
लोकसभा चुनाव में भी जवान तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से निर्दलीय पर्चा भरा था। नामांकन के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, लेकिन दूसरे ही दिन तेज बहादुर यादव को चुनाव आयोग से नोटिस मिल गया और उन्हें चुनाव आयोग से अपनी उम्मीदवारी के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा गया। आखिर उनके डॉक्यूमेंट्स पूरे न होने की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ पाए।
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