हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने में जुटीं सोनिया, हुड्डा के बाद किरण से मिलीं
पानीपत। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुटबाजी को खत्म करने में जुट गई हैं। प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के बाद सोनिया शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी से मिलीं। इस मुलाकात के बाद किरण ने कहा कि प्रदेश के हालात और विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष हैं, हमसे पहले भी कई बार उनसे मिल चुकी हैं। यह कोई नई बात नहीं हैं।
पढ़ें: हरियाणा में 2 माह बाद चुनाव, पहली बार 17 MLA ने दिया इस्तीफा, 18 खाली सीटों की विस भंग होगी
सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए हुड्डा
बता दें कि, किरण से दो दिन दिन पहले ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए थे। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया ने हुड्डा के बयानों पर सफाई मांगी। इसके लिए हुड्डा को तलब किया गया था। वहीं, साथ ही हरियाणा में कांग्रेस के बीच पनप रही गुटबाजी को खत्म करने का प्रयास भी किया।
18 अगस्त को सामने आए थे हुड्डा के बागी तेवर
इससे
पहले
18
अगस्त
को
हुड्डा
ने
रोहतक
में
आयोजित
महापरिवर्तन
रैली
में
कांग्रेस
आलाकमान
पर
दबाव
डालने
का
पूरा
प्रयास
किया
था।
उन्होंने
कहा
था,
''कांग्रेस
भटक
चुकी
है,
मैं
खुद
को
अतीत
से
मुक्त
करता
हूं।
अब
यह
पहले
जैसी
पार्टी
नहीं
रह
गई।'
हुड्डा
ने
यह
भी
कहा
था
कि
भाजपा
माहौल
बनाने
में
कामयाब
हो
गई।
उसके
बाद
हुड्डा
ने
38
सदस्यों
की
एक
कमेटी
बनाने
का
भी
फैसला
किया
था।
हालांकि,
यह
कमेटी
कुछ
तय
नहीं
कर
पाई।
पहली बार 17 विधायकों ने दिया इस्तीफा
वहीं, दल बदलने की कोशिश में प्रदेशभर में अब तक 17 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 17 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया हो। यहां विधानसभा में इस बार 18 विधायकों की सीटें खाली हो गई हैं। यह भी पहली बार होगा जब इतने विधायकों की खाली सीटों वाली विधानसभा भंग होगी।
इस्तीफा
देने
वाले
अधिकांश
विधायकों
ने
भाजपा
ज्वॉइन
की
इस्तीफा
देने
वाले
अधिकांश
विधायकों
ने
अपनी
पार्टी
छोड़कर
अन्य
पार्टी
ज्वॉइन
कर
ली
है।
सबसे
ज्यादा
नुकसान
इनेलो
को
हुआ
है।
2014
के
चुनाव
में
इनेलो
को
19
सीटें
मिली
थीं।
जो
कि
3
ही
रह
गईं
हैं।
इन
तीन
विधायकों
में
पूर्व
नेता
प्रतिपक्ष
अभय
चौटाला,
वेद
नारंग
व
ओमप्रकाश
बरवा
शामिल
हैं।
जबकि,
भाजपा
ने
2014
में
47
सीटें
जीती
थीं।
अब
उसके
पास
59
सीटें
हैं।
राज्य
में
एक
विधायक
का
निधन
हो
चुका
है,
जो
कि
इनेलो
से
ही
था।
उस
दौर
में
6
विधायकों
ने
दिए
थे
इस्तीफे
हरियाणा
में
17
विधायकों
ने
तो
इसी
कार्यकाल
में
इस्तीफा
दिया
है।
इससे
पहले
वर्ष
1999-2004
के
सत्र
में
भाजपा
के
6
विधायकों
ने
अपने
इस्तीफे
दिए
थे।
बहरहाल,
इस
बार
जब
इतनी
बड़ी
संख्या
में
विधायकों
ने
इस्तीफे
दिए
तो
हरियाणा
विधानसभा
स्पीकर
ने
भी
सभी
के
इस्तीफे
स्वीकार
कर
लिए।
इन
सभी
विधायकों
का
कार्यकाल
पूरा
होने
से
खत्म
हो
गया
और
वह
चुनाव
होने
से
पहले
ही
पूर्व
विधायक
बन
गए।
लोकसभा
चुनाव
में
हरियाणा
में
सभी
सीटें
भाजपा
ने
जीतीं
इसी
साल
मई
में
हुए
लोकसभा
चुनाव
में
राज्य
की
सभी
दस
सीटों
पर
भाजपा
ने
पहली
बार
जीत
हासिल
की।
हरियाणा
बनने
के
बाद
ज्यादातर
चुनाव
में
अपना
दबदबा
बनाए
रखने
वाली
कांग्रेस
क्लीन
स्वीप
हो
गई।
इससे
पहले
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
भाजपा
ने
प्रदेश
की
10
में
से
7
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी।
अक्टूबर-नवंबर
में
हो
सकते
हैं
चुनाव
हरियाणा
में
विधानसभा
चुनाव
अक्टूबर-नवंबर
में
हो
सकते
हैं।
2014
में
भाजपा
47
सीटों
पर
जीती
थी।
राज्य
में
विधानसभा
की
कुल
90
सीटें
हैं।
वहीं,
इस
बार
शाह
ने
कार्यकर्ताओं
को
75
पार
का
टारगेट
दिया
है।