Video: रमजान में महंगाई की मार झेलते पाकिस्तान में लोगों को दाल से लेकर चिकन तक के लाले
इस्लामाबाद। खस्ता हालत में पहुंच चुका पाकिस्तान अब महंगाई की मार झेलने को मजबूर है। पिछले पांच वर्षों में यहां पर महंगाई अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां पर रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले 150 रुपए तक हो चुकी है। आलम यह है कि रमजान के समय जब देश भर में लोग रोजा रख रहे हैं, महंगाई की वजह से उन्हें दाल और चिकन तक के लिए भारी रकम अदा करनी पड़ रही है। एक हफ्ते पहले तक पाकिस्तानी रुपए एक डॉलर के मुकाबले 141 पर बना हुआ है। अमेरिकी मैगजीन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी रुपया एशिया की 13 बाकी करेंसीजे में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी बन चुका है। पाक रुपए में 20 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिली है।
150 रुपए दर्जन केले
पाकिस्तान में एक दर्जन संतरे 360 रुपए तो नीबू और सेब की कीमत 400 रुपए किलो तक हो गई है। पिछले ही हफ्ते रमजान माह की शुरुआत में ही यहां पर सरकार ने गैस और तेल के दामों में इजाफा किया था और इसकी वजह से ही हर चीज की कीमत आसमान छू रही है। ट्विटर पर आकर लोग अपना दर्द बयां कर रहे हैं। 150 रुपए दर्जन केले, मटन 1100 रुपए किलो, चिकन 320 रुपए किलो और एक लीटर दूध के लिए लोगों को 120 से 180 रुपए तक अदा करने पड़ रहे हैं। पॉजीटिव मीडिया कम्यूनिकेशन के सीईओ उमर ओ कुरैशी ने पाक में बढ़ती जरूरी सामान की कीमतों को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि यहां पर कम आय वाले कई घर ऐसे हैं जो अक्सर मटन नहीं खाते हैं। कराची में मटन की कीमत 1,000 रुपए से 1,100 रुपए प्रति किलोग्राम तक हो गई है। उन्होंने बताया है कि ज्यादातर पाकिस्तानियों के घर में हर माह सैलरी के तौर पर 20,000 रुपए ही पहुंचते हैं। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) के मुताबिक, मार्च 2019 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई बढ़कर 9.4 फीसदी पर पहुंच गई। पीबीएस का कहना है कि इस दौरान वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह हैं। पिछले तीन महीने में ताजी सब्जियों, फलों और मांस के दाम खासकर शहरों में लगातर बढ़े हैं। जुलाई से मार्च के दौरान औसत महंगाई साल दर साल आधार पर 6.97 फीसदी बढ़ी है।
Soaring prices of essential commodities left many lower & middle-class customers across #Pakistan in despair during the Islamic holy month of #Ramadan when fasting Muslims abstain from eating anything, inflation has reached the highest in the country in more than 5 years. pic.twitter.com/nVRZHapPDH
— Neelu Mishra (@NeelaKandanS1) May 14, 2019
पांच वर्षों में सबसे ज्यादा हुई महंगाई
चिकन और मटन कि अलावा यहां पर प्याज की कीमतें 40 फीसद, टमाटर 19 फीसद, चिकन 16 फीसद मूंग की दाल 13 फीसद, ताजे फल 12 फीसद गुड़ तीन फीसद चीनी तीन फीसद, मछली, मसाले और बाकी दालें, घी चावल, बेकरी से बने उत्पाद, आटा, कुकिंग ऑयल, चाय, गेंहू की कीमतों में एक-सवा फीसद की तेजी देखने को मिली है। पाकिस्तान में महंगाई पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मार्च महीने में महंगाई 9.4 फीसदी तक पहुंच गई। महंगाई बढ़ने, रुपए में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दी हैं। यह हालत तब है जब पिछले दिनों ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पाकिस्तान को छह बिलियन डॉलर का पैकेज देने पर राजी हुआ है। वहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान अपील कर रहे हैं कि उसे धीरज रखना चाहिए क्योंकि कुछ दिनों में हालात ठीक हो जाएंगे। इमरान ने कहा है कि पाकिस्तान, अल्लाह का तोहफा है और देश मुश्किल हालातों से निकल आएगा। इमरान की मानें तो सरकार ने अगर बिजली और गैस के दाम बढ़ाए हैं तो उसका मकसद है विदेशी कर्ज को चुकाना।
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