VIDEO: अमेरिकी दौरे से पहले इस वायरल वीडियो ने बढ़ाई इमरान खान की मुश्किलें
वॉशिंगटन। पाकिस्तान में रहने वाले अहमदिया समुदाय के एक शख्स ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस व्यक्ति ने ट्रंप से व्हाइट हाउस स्थित उनके ओवल ऑफिस में मीटिंग की। इस शख्स ने ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान में उनके लिए खुद को मुसलमान बताना बहुत मुश्किल है लेकिन अमेरिका में यह काफी आसान बात है। ट्रंप को इसके साथ ही इस बात की जानकारी भी मिली कि आखिर पाक में अहमदिया मुसलमानों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता है। वीडियो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिकी दौरे से ठीक पहले आया है। ट्विटर पर भी इस वीडियो को लेकर खासी चर्चाएं हो रही हैं।
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पाकिस्तान में नहीं कह सकते हैं मुसलमान
पाकिस्तान के 83 वर्षीय अब्दुल शकूर अहमदिया समुदाय से आते हैं। बुधवार को उन्होंने एक और अहमदी मुसलमान शान तासीर के साथ ट्रंप से मीटिंग की। अब्दुल ने ट्रंप को बताया, 'मैं अमेरिका में खुद को मुसलमान कह सकता हूं लेकिन पाकिस्तान में मैं ऐसा नहीं कह सकता।' अब्दुल ने आगे कहा, 'सन् 1974 में हमें (अहमदी) को पाकिस्तान में गैर-मुसलमान घोषित कर दिया गया था। हमारी दुकानें और घरों को लूट लिया गया और कई घरों को तो आग तक लगा दी गई। इसके बाद मैं रबवाह में अपने बच्चों के साथ रहने लगा। यहां पर मेरी एक किताबों की दुकान थी।'
अल्लाह ट्रंप को लंबी उम्र दे
अब्दुल ने ट्रंप से कहा, 'मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि वह आपकी सुरक्षा करे और आपको लंबी जिंदगी दे।'अब्दुल की बात सुनकर ट्रंप ने उनके हाथ मिलाया और कहा, 'देखिए दुनिया एक बहुत ही मुश्किल जगह है और हमें फिर भी आगे बढ़ रहे हैं और बढ़ते ही रहेंगे।' अब्दुल को पाकिस्तान में पांच साल की सजा सुनाई गई थी और 600,000 रुपए का जुर्माना भी उन पर लगा था। तीन वर्ष पहले ही उन्हें जेल से आजादी मिली है।
पाकिस्तान में काफिर अहमदी मुसलमान
अब्दुल को पाकिस्तान में अहमदिया धर्म की बातों का प्रचार करने और साथ ही धार्मिक असहिष्णुता को खत्म करने से जुड़ी किताबों को बेचने के लिए सजा दी गई थी। अब्दुल को लोग प्यार से रबवाह में शकूर भाई कहते थे। शकूर को पाकिस्तान ने ईशनिंदा के तहत सजा सुनाई थी। पाकिस्तान में अहमदियों की आबादी पांच मिलियन है। सबसे ज्यादा अहमदी यहीं पर रहते हैं लेकिन इसके बाद भी इन्हें मुसलमान नहीं माना जाता है। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोगों को काफिर कहा जाता है।