Video: पाकिस्तान के सिंध में रेजीडेंशियल काम्प्लेक्स के लिए ढहाया प्राचीन हनुमान मंदिर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक बार फिर सैंकड़ों हिंदू प्रदर्शन पर उतरे हैं। यहां के सिंध प्रांत में एक बिल्डर ने प्राचीन हनुमान मंदिर को गिरा दिया है। इस घटना के बाद से ही नाराज हिंदू प्रदर्शन क रहे हैं। यह घटना सिंध के ल्यार इलाके में हुई है और यहां पर स्थिति एक बार को नियंत्रण के बाहर हो गई थी। पुलिस की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं और इलाके को सील कर दिया गया है।
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मंदिर से गायब हैं मूर्तियां
पाकिस्तान के कराची में एक पठान ने घर बनाने के लिए प्राचीन हनुमान मंदिर पर बुलडोजर चला दिया। मंदिर से पौराणिक वस्तुएँ और बहुमूल्य मूर्तियाँ भी गायब बताई जा रही हैं। इसकी जानकारी मंदिर के महाराज ने एक न्यूज चैनल को दी। महाराज ने बताया कि कोरोना वायरस के समय में मंदिर-मस्जिद सब बंद रहने के आदेश दिए गए थे। इसलिए वह खामोश होकर बैठ गए। लेकिन अब उन्हें मालूम चला कि उनका मंदिर तोड़ दिया गया है। यह सूचना देते हुए मंदिर के महाराज बेहद दुखी थे और रोते उन्होंने अपना बयान दिया है। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि मंदिर की जगह पर एक रेजीडेंशियल काम्प्लेक्स बनाया जाना है। जैसे ही ल्यारी में हुई इस घटना की खबर असिस्टेंट कमिश्नर अब्दुल करीम को मिली, वह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। मंदिर का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कंस्ट्रक्शन साइट के तीनों दरवाजों को सील कर दिया।उन्होंने कहा, 'हमने जांच शुरू कर दी है। जांच तक स्थल को इसलिए सील किया गया है ताकि जांच की जा सके।'
By destroying minorities' religious places, you are not only hurting our sentiments but also destroying our history. Ancient Hanuman Mandir in Karachi, Sindh was bulldozed by a Muslim influencer because he is building a house. @ShireenMazari1 @BBhuttoZardari @LALMALHI pic.twitter.com/4Z5tSGmKIF
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) August 19, 2020
कोरोना महामारी का उठाया फायदा
एक स्थानीय अल्पसंख्यक नेता ने कहा कि यह अन्याय है। यह एक पुराना मंदिर था। हमने इसे बचपन से देखा है।' क्षेत्र के निवासी हीरा लाल ने कहा कि मंदिर के पास 18 हिंदू परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बिल्डर की तरफ से भरोसा दिलाया गया था कि मंदिर को नहीं ढहाया जाएगा लेकिन रविवार देर शाम मंदिर को ढहा दिया गया है। पाकिस्तान की मीडिया के अनुसार एक अन्य अल्पसंख्यक निवासी ने कहा, 'लॉकडाउन में किसी को भी मंदिर आने की इजाजत नहीं थी।' अक्सर मंदिर आने वाले एक निवासी ने कहा कि बिल्डर ने महामारी का फायदा उठाया और उनके पूजा स्थल को ढहा दिया।उन्होंने मांग की कि मंदिर को दोबारा बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें बिल्डर की ओर से वैकल्पिक आवास का आश्वासन दिया गया था।