Video: मुंबई जैसे दिखने वाले पाकिस्तान के कराची में गणेशोत्सव की धूमधाम
कराची। भारत का मुंबई और पाकिस्तान का कराची, ऐसे जैसे ही हैं। मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है तो कराची पाकिस्तान की। मंंबई में में गणेशोत्सव के दौरान लालबागचा राजा के दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं तो वहीं कराची का हाल भी ऐसा है। गणेश उत्सव के दौरान मुंबई जैसा नजारा कराची में भी देखने को मिलता है। आप शायद हैरान होंगे लेकिन यह सच है। कराची में बसा हिंदू महाराष्ट्रीय समुदाय बड़े धूमधाम से गणेशोत्सव मनाता है। यहां पर लालबाग के राजा की तरह ही भगवान गणेश विराजते हैं, उसी उत्साह और उसी धूमधाम के साथ उनका स्वागत और फिर उनकी विदाई की जाती है। कराची में यह परंपरा पिछले कई दशकों से चली आ रही है और दोनों देशों के बंटवारे का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ा है।
कराची में मराठी परिवार के 800 लोग
कराची में मराठी समुदाय के करीब 800 लोग रहते हैं। ये लोग हर वर्ष श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर में लालबाग के राजा की तरह भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं। यह मंदिर कराची के क्लिफ्टन इलाके में स्थित है। कराची में दरअसल गणेशोत्सव की पंरपरा को यहां का संगठन श्री महाराष्ट्र पंचायत आगे बढ़ा रहा है। इसी संगठन से जुड़े हैं विशाल राजपूत। विशाल के मुताबिक लालबाग और अंधेरी के राजा की तस्वीरें और उनके कई वीडियो फेसबुक पर उनके समुदाय के लोग देखते और खुद को उससे जुड़ा हुआ महसूस करते। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों न लालबाग के तज पर कराचीचा राजा की स्थापना की जाए।
कराची में तैयार होती गणेश की प्रतिमांए
पिछले वर्ष एक इंटरव्यू में विशाल ने बताया था कि भगवान गणेश की प्रतिमाएं भारत में निर्मित होती हैं, इन्हें दुबई से कराची, यहां पर बसा गायकवाड़ परिवार लेकर आता था है। लेकिन पिछले वर्ष यह पहला मौका था जब लालबाग के राजा की प्रतिमा को कराची में ही तैयार किया गया। विशाल के मुताबिक पाकिस्तान में उन्हें हमेशा इस उत्सव के लिए अथॉरिटीज से समर्थन मिलता है और साथ ही सुरक्षा भी मुहैया कराई जाती है। मराठी समुदाय के अलावा दूसरे लोग भी इस उत्सव का हिस्सा बनते हैं। कराची के डोली खाटा और क्लिफ्टन स्थित शिव मंदिर में गणेश उत्सव के सबसे बड़े कार्यक्रम होते हैं।
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गणेश उत्सव के मौके पर कराची में भी घरों में मोदक और लड्डू बनते हैं। कराची में गणपति को नेटी जेट्टी में विसर्जित किया जाता है। गणपति बप्पा का विसर्जन भी काफी धूमधाम से होता है।