बड़ा कदम: पाकिस्तान को ग्लोबल वॉच लिस्ट में शामिल कराने के लिए अमेरिका की पहल
अमेरिका ने पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिस्ट फाइनेसिंग वॉच लिस्ट में डालने से जुड़ा एक बिल पेश किया। पाकिस्तान के एक सीनियर ऑफिसर की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय ऐसे कोई कदम नहीं उठाए है जिससे यह लगे कि उसने आतंकवाद को रोका है।
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वॉशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिस्ट फाइनेसिंग वॉच लिस्ट में डालने से जुड़ा एक बिल पेश किया। पाकिस्तान के एक सीनियर ऑफिसर की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय ऐसे कोई कदम नहीं उठाए है जिससे यह लगे कि उसने आतंकवाद को रोका है। इस वजह से उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के नियमों को उल्लंघन करने वाला पाया गया और इस लिस्ट में डालने से जुड़ा बिल पेश किया गया। अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।
पाकिस्तान
पर
होगी
सख्त
कार्रवाई
अमेरिका
पहले
ही
पाकिस्तान
को
यह
साफ
कर
चुका
है
कि
अगर
उसने
इस्लामिक
आतंकियों
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
नहीं
की
तो
फिर
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंप
और
उनके
प्रशासन
को
सख्त
कदम
उठाने
पड़
जाएंगे।
पाकिस्तान
हमेशा
से
ही
अफगानिस्तान
और
भारत
में
आतंकी
ताकतों
का
समर्थन
करने
वाली
बात
से
इनकार
कर
चुका
है।
लेकिन
अब
अमेरिकी
धमकी
के
बाद
उसने
एक
बार
फिर
से
भरोसा
दिलाया
है
कि
वह
आतंकवादियों
के
खिलाफ
सख्त
कदम
उठाएगा।
टास्क
फोर्स
के
सदस्यों
की
एक
मीटिंग
अगले
हफ्ते
फ्रांस
की
राजधानी
पेरिस
में
होने
वाला
है।
माना
जा
रहा
है
कि
यहां
पर
ही
पाकिस्तान
के
खिलाफ
कार्रवाई
के
बारे
में
विचार
किया
जा
सकता
है।
पाकिस्तान
के
वित्त
मंत्री
मिफ्ताह
इस्माइल
ने
बताया
कि
अमेरिका
और
ब्रिटेन
दोनों
की
ओर
से
ही
यह
बिल
कई
हफ्तों
पहले
पेश
किया
जा
चुका
था
और
साथ
ही
अब
जर्मनी
और
फ्रांस
भी
इस
बिल
के
समर्थन
में
आ
गए
हैं।
इस्माइल
ने
इस
बिल
को
वापस
लेने
के
लिए
अमेरिका,
ब्रिटेन,
जर्मनी
और
फ्रांस
से
बात
की
है।
उन्हें
उम्मीद
है
कि
अमेरिका
के
इस
बिल
को
वापस
न
लेने
के
बाद
भी
पाकिस्तान
वॉच
लिस्ट
में
शामिल
होने
से
बच
सकेगा।
पाकिस्तान
इससे
पहले
साल
2012
से
2015
तक
एफएटीएफ
की
वॉचलिस्ट
में
रह
चुका
है।
चौपट
हो
जाएगी
अर्थव्यवस्था
एफएटीएफ
पेरिस
में
स्थित
अंतर-सरकारी
संस्था
है।
इस
संस्था
का
काम
गैर-कानूनी
आर्थिक
मदद
को
रोकने
के
लिए
नियम
बनाना
है।
इस
संस्था
ने
पहले
भी
पाकिस्तान
को
चेतावनी
दी
थी
कि
अगर
उसे
इस
लिस्ट
में
आने
से
बचना
है
तो
फिर
उसे
आतंकियों
को
वित्तीय
मदद
देने
वाली
संस्थाओं
के
खिलाफ
कार्रवाई
करनी
होगी।
पाकिस्तान
के
अधिकारियों
और
कई
राजनयिकों
की
मानें
तो
इस
लिस्ट
में
आने
के
बाद
पाकिस्तान
की
आर्थिक
हालत
चौपट
हो
जाएगी।
साथ
ही
में
पाक
में
मौजूद
विदेश
निवेशक
और
कंपनियों
को
भी
पाकिस्तान
के
साथ
काम
करने
में
कई
तरह
की
परेशानियां
उठानी
पड़ेंगी।
पाकिस्तान
के
पूर्व
काउंटर-टेररिज्म
चीफ
ख्वाजा
खालिद
फारूक
ने
बताया
कि
इस
तरह
की
लिस्ट
में
आने
के
बाद
पाकिस्तान
को
हर
तरह
की
सुरक्षा
जांच
से
गुजरना
होगा।
इसकी
वजह
से
अर्थव्यवस्था
को
खासा
नुकसान
भी
पहुंचेगा।
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