भारत आने से पहले पाकिस्तान क्यों गए हैं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो
इस्लामाबाद। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच चुके हैं। माइक पोंपेयो के साथ अमेरिकी मिलिट्री चीफ जनरल जोसेफ ड्यूनफोर्ड भी हैं। पोंपेयो यहां पर अपने पाकिस्तानी समकक्षों से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को पोंपेयो भारत में होंगे और यहां पर वह भारत और अमेरिका के बीच होने वाली पहली 2+2 वार्ता में शामिल होंगे। पोंपेयो के अलावा अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटीस भी वार्ता में शामिल होंगे। भारत आने से पहले पोंपेयो कुछ देर पाकिस्तान में रुकेंगे लेकिन यहां पर वह कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह भी पढ़ें-भारत आने से पहले बोले पोंपेयो रूस और ईरान वार्ता में प्राथमिकता नहीं
खराब दौर में रिश्ते
पोंपेयो ऐसे समय में इस्लामाबाद पहुंचे हैं जब ट्रंप प्रशासन में पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में काफी कड़वाहट आ गई है। पोंपेयो प्रधानमंत्री इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात भी करने वाले हैं। पोंपेयो ने पाकिस्तान पहुंचने से पहले ट्वीट किया, 'पहला स्टॉप पाकिस्तान, वहां पर एक नए नेता हैं। मैं उनके कार्यकाल में पाकिस्तान जाना चाहता था ताकि दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से बहाल करने की कोशिशें शुरू हो सकें।' पोंपेयो के मुताबिक इमरान खान के नेतृत्व वाली नई सरकार ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में भरोसा जताया है।
पाक की 300 मिलियन डॉलर की मदद बंद
अमेरिका ने पिछले दिनों पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की रकम पर रोक लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही पाकिस्तान को एक अविश्वसनीय साथी करार दे चुके हैं। ट्रंप का कहना है कि पाकिस्तान अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को रोकने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पाकिस्तान को कोऑलिएशन सपोर्ट फंड के तहत अमेरिका से मिलिट्री मदद मिलती है। अमेरिका अब तक कुल 800 मिलियन डॉलर की मदद रोक चुका है। इसके अलावा पोंपेयो की ओर से इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) को पहले ही वॉर्निंग दी जा चुकी है कि वह पाक को कर्ज अदा करने के मकसद से बेलआउट पैकेज न जारी करें।
मदद बंद करने पर होगी बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पोंपेयो के साथ बातचीत में वह 300 मिलियन डॉलर की मदद रोकने का मुद्दा उठाएंगे। शाह महमूद कुरैशी ने कहा, 'हम आपसी सम्मान को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ेंगे।' शाह महमूद कुरैशी के मुताबिक अमेरिका 300 मिलियन डॉलर की मदद बंद करने के फैसले को सही नहीं बता सकता है क्योंकि यह वह रकम है जो पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए तालिबान और दूसरे आतंकियों के खिलाफ लड़ाई में खर्च की है। कुरैशी के मुताबिक ये आतंकी अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए खतरा बन गए थे।