इतना आसान नहीं है पाकिस्तान के लिए IMF से बेलआउट लेना, पहले पूरी करनी होंगी अमेरिकी की शर्तें
वॉशिंगटन। आर्थिक संकट से गुजरते पाकिस्तान की नजरें अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से मिलने वाले बेलआउट पर हैं। लेकिन अमेरिका उसके रास्ते में रोड़ा बन सकता है। सूत्रों की मानें तो अमेरिका, अफगानिस्तान में पाक के और सहयोग और आतंकवाद को मिलने वाले वित्त पोषण में नियंत्रण, इन दो शर्तों को पाकिस्तान के लिए जारी होने वाले बेलआउट पैकेज के साथ जोड़ सकता है। साथ ही साथ वह इस बात पर भी नजर रखेगा कि कहीं बेलआउट का प्रयोग चीन का कर्ज उतारने के लिए तो नहीं हो रहा। वहीं एक अमेरिकी सांसद ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को चीन का कर्ज उतारने के लिए कोई भी बेलआउट पैकेज नहीं दिया जाएगा। पाकिस्तान को आईएमएफ से आठ बिलियन डॉलर की मदद चाहिए।
जून में पाकिस्तान आया ग्रे लिस्ट में
एक अमेरिकी अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के तहत टेरर फाइनेसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग दो बड़ी चिंताएं हैं। पाकिस्तान के संदर्भ में ये और भी अहम इसलिए हो जाती हैं क्योंकि आईएमएफ के बेलआउट पैकेज की मांग की गई है। इस वर्ष जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रेल लिस्ट में रखा था। ग्रे लिस्ट में आने वाले देशों पर करीब से नजर रखी जाती है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि ये देश टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए क्या किया है।
कहीं चीन का कर्ज तो नहीं चुका रहा पाकिस्तान
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन से कर्ज ले रखा है। आईएमएफ से मिलने वाले बेलआउट में यह एक अहम शर्त होगी। वहीं दूसरे अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि किसी भी सूरत में बेलआउट का प्रयोग पाकिस्तान को चीन का कर्ज चुकाने के लिए नहीं करने दिया जाएगा। अमेरिकी अधिकारी इसके साथ ही यह भी चाहते हैं कि अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट चाहिए तो वह अफगान शांति प्रक्रिया में आपसी सहयोग बढ़ाए। इस बात को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमेशा अनुरोध करते आए हैं और हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को एक चिट्ठी भी लिखी थी।
अमेरिका बनेगा पाकिस्तान की मुसीबत
अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित लिस्ट, इमरान खान की चिंता का विषय हो सकती है। पाकिस्तान जो कभी अफगानिस्तान में सोवियत संघ के कब्जे के समय अमेरिका का सहयोगी था अब मुश्किल दिनों से गुजर रहा है। वहीं अमेरिका की वजह से उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान एक ऐसा ढीठ देश बन चुका है जो कभी भी अपने कामों की जिम्मेदारी नहीं लेता है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अब तक पाक को 18 आईएमएफ बेलआउट्स दिए जा चुके हैं। पाकिस्तान को पहले 12 बिलियन डॉलर का बेलआउट चाहिए था लेकिन अब यह घटकर आठ बिलियन डॉलर पर आ गया है।