अमेरिका ने पाकिस्तानियों के लिए बदली वीजा नीति, पांच वर्ष की जगह सिर्फ एक साल का वीजा
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इस्लामाबाद। अमेरिका ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अपनी वीजा नीति में बड़ा बदलाव किया है। अमेरिकी दूतावास की ओर से दी गई जानकारी में इस बात की पुष्टि की गई है। अमेरिका की ओर से अलग-अलग श्रेणियों में पाकिस्तानियों के लिए वीजा नीति बदली गई है। इस नीति में जो बात सबसे अहम है वह है पाक पत्रकारों की वीजा अवधि को घटाकर तीन माह का ही कर दिया गया है।
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दूतावास ने जारी किया नोटिफिकेशन
मंगलवार को अमेरिकी दूतावास की ओर से इससे जुड़ी एक अधिसूचना जारी की गई है। इस अधिसूचना के मुताबिक पत्रकारों को पहले पांच वर्ष का वीजा दिया जाता था। लेकिन अब उन्हें यह वीजा सिर्फ तीन माह के लिए ही दिया जाएगा। इसके अलावा वर्क और मिशनरीज वीजा की अवधि भी पांच वर्ष से घटाकर एक वर्ष की कर दी गई है। कांसुलेट की ओर से जारी नोटिफिकेशन में व्यापार, टूरिज्म और छात्रों के लिए जारी होने वाली वीजा की अवधि पहले की ही तरह पांच वर्ष रखी गई है।
बढ़ाई गई वीजा की फीस भी
राजनयिक सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नई नीतियों को अमेरिका में स्थित पाकिस्तानी दूतावास नियमों के मुताबिक लागू किया जा रहा है। पाक की तरफ से भी अमेरिकी जर्नलिस्ट्स को सिर्फ तीन माह का ही वीजा दिया जाता है। वीजा अवधि जहां कम की गई है तो वहीं वीजा के लिए लगने वाली फीस बढ़ा दी गई है। पहले जहां वीजा फीस 160 अमेरिकी डॉलर थी अब 21 जनवरी 2019 से फीस 192 अमेरिकी डॉलर हो गई है। सरकारी अधिकारियों को जो वीजा जारी किए जाएंगे उनकी अवधि उनके काम की प्रवृत्ति को देखते हुए तय की जाएगी। यह भी पढ़ें-पाकिस्तान में मौजूद 16 टेरर कैंप्स पर तैयार है भारत की रिपोर्ट
पाक के 37,000 वीजा एप्लीकेशंस खारिज
पाकिस्तान की मीडिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जर्नलिस्ट्स अगर अपने ट्रैवेल परमिट को रिन्यू नहीं करेंगे तो फिर उन्हें तीन माह से ज्यादा अमेरिका में नहीं रुकने नहीं दिया जाएगा। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि यह फैसला इस वजह से लिया गया है क्योंकि पाकिस्तान कुछ खास श्रेणियों के लिए उदार नहीं बना पाया है। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से साल 2018 में 37,000 वीजा आवदेनों को अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए बैन की वजह से खारिज किया था।
F-16 की वजह से बढ़ी हैं मुश्किलें
अमेरिका पहले ही पाकिस्तान से खफा है क्योंकि 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 जेट्स ने भारतीय एयरस्पेस का उल्लंघन किया था। अमेरिका अब इस मामले की जांच कर रहा है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ऐसा करके पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया है। यह भी पढ़ें-लॉकहीड मार्टिन ने बताई पाकिस्तान के एफ-16 जेट क्रैश की असलियत