UN ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, आर्टिकल 370 और जम्मू कश्मीर पर कहा शिमला समझौता याद है न
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान को बहुत उम्मीद थी कि पिछले दिनों भारत ने जम्मू कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 को खत्म किया है तो यूनाइटेड नेशंस (यूएन) उसकी जरूर सुनेगा। लेकिन यूएन चीफ एंटोनियो गुटारेशे की तरफ से आए नए बयान के बाद तो ऐसा नहीं लगता है कि पाक को यूएन से कुछ मदद मिलेगी। यूएन चीफ ने अपने बयान में शिमला समझौते का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को आईना दिखाने की कोशिश की है। आपको बता दें कि अमेरिका पहले ही पाकिस्तान को इस पूरे मुद्दे पर किनारे कर चुका है।
शिमला समझौते में कश्मीर आतंरिक मामला
यूएन चीफ एंटोनियो ने अपने बयान में कहा है, 'भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते में यह बात साफ है कि कश्मीर मसले पर तीसरा देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।' एंटोनियो के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की तरफ से बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है शिमला समझौते के तहत दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने की कोशिश करेंगे। यूएन ने इसके साथ ही दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान के लिए निश्चित तौर पर यह बड़ा झटका है।
पाकिस्तान की चिट्ठी पर कोई जवाब नहीं
यूएन चीफ से अलग सिक्योरिटी काउंसिल ने भी पाकिस्तान को किनारे कर दिया है। पाकिस्तान ने यूएनएससी को ताजा हालातों पर चिट्ठी लिखी थी। गुरुवार को जब सिक्योरिटी काउंसिल की मुखिया जोआन्ना वेरोनिका ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर जवाब देने से साफ इनकार कर दिया। भारत की तरफ से यूएनएससी में पी 5 देशों को पांच अगस्त को इस फैसले से अवगत करा दिया गया था। भारत ने आर्टिकल 370 को खत्म करने के फैसले को देश का आतंरिक फैसला करार दिया था।
अमेरिका ने दिया भारत के जवाब का हवाला
पाकिस्तान इस पूरे मसले पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है। कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की बात करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एडमिनिस्ट्रेशन ने भी जम्मू कश्मीर के मसले को भारत का आतंरिक मामला करार दे डाला है। सिर्फ इतना ही नहीं अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को वॉर्निंग भी दी गई है। अमेरिका ने पाक को साफ कर दिया है कि अगर उसने भारत के खिलाफ जारी आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाई तो फिर एफएटीएफ में उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
UAE ने भी पाकिस्तान को किया किनारे
इस्लामिक काउंसिल के अहम सदस्य यूएई ने भी इस मसले पर पाकिस्तान के बजाय भारत का साथ देना बेहतर समझा है। भारत में यूएई के राजदूत डॉ अहमद अल बन्ना ने आर्टिकल 370 को भारत के संविधान से जुड़ा मुद्दा बताया और इस पर भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी समझ से राज्यों का पुनर्गठन आजाद भारत के इतिहास की कोई पहली अनोखी घटना नहीं है और इस फैसले का मकसद क्षेत्रीय असमानता को कम करना और दक्षता में सुधार करना है।