टर्की को आई कश्मीर की याद, विदेश मंत्री बोले मुद्दे पर करेंगे पाकिस्तान का समर्थन
इस्लामाबाद। टर्की ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा है। टर्की ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी जम्मू कश्मीर विवाद पर यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में वह पाकिस्तान का समर्थन करेगा। साथ ही उसने यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे का शांतिपूर्ण हल चाहता है। टर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू जो पाकिस्तान की यात्रा पर हैं, उन्होंने यह बात पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से कही है। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को कई राउंड की वार्ता हुई थी। कुरैशी की मानें तो टर्की की ख्वाहिश है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके हल होते देखना चाहता है। यह पहला मौका नहीं है जब टर्की ने इस तरह से कश्मीर का राग अलापा है। इससे पहले टर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्डोगान मई 2017 में भारत दौरे पर आए थे। उनका यह पहला भारत दौरा था और यहां पर भी वह कश्मीर पर सलाह देने से नहीं चूके थे।
यूएन में होगी कश्मीर पर कॉन्फ्रेंस
टर्की के विदेश मंत्री मेवलुत अपने पाक समकक्ष के साथ हुई बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूएन में कश्मीर पर जो ग्रुप बना है, टर्की उसके जरिए पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि टर्की हमेशा से ही कश्मीर विवाद का शांतिपूर्ण हल चाहता है। उन्होंने कहा कि यूएन में कश्मीर पर कार्यक्रमों से अलग एक अलग कॉन्फ्रेंस होंगी। यह कॉन्फ्रेंस हर वर्ष होती है लेकिन इस बार यह अलग है क्योंकि हाल ही में यूएन पर नई रिपोर्ट आई है और जिसमें भारत के कब्जे वाले कश्मीर के हालातों का जिक्र है।
पाकिस्तान के लिए नरम रुख रखने वाले राष्ट्रपति
पिछले वर्ष एर्डोगान ने अपने एक बयान में जब भारत-पाकिस्तान के संबंधों और कश्मीर पर अपने नजरिए को एक इंटरव्यू के जरिए सामने रखा था तो भारत को इस पर खासा ऐतराज था। एर्डोगान ने कश्मीर मुद्दे का हल करने के लिए बहुपक्षीय बातचीत की राय दे डाली थी। जबकि भारत इस मुद्दे को सिर्फ द्विपक्षीय बात के जरिए ही सुलझाने में यकीन रखता है। एर्डोगान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपना सबसे अच्छा दोस्त बताते हुए कुबूल किया था कि कश्मीर मुद्दे पर पीएम शरीफ से उनकी लंबी बातचीत होती रहती है। पाकिस्तान के लिए नरम रुख रखने वाले एर्डोगान सात बार पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं। नवंबर 2016 में उन्होंने पाक का सांतवीं बार दौरा किया था और इस दौरान भी कश्मीर पर नवाज शरीफ से उन्होंने लंबी बात की थी।
भारत पर लगाता है आतंकवाद का आरोप
एर्डोगान अब दक्षिण एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। वह कह चुके हैं कि टर्की के विकास के लिए वह इस क्षेत्र में शांति और स्थायीत्व चाहते हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान को दोनों को ही अपना बहूमुल्य दोस्त बताया है मगर हकीकत यही है कि उनका झुकाव पाकिस्तान के लिए काफी ज्यादा है। इसलिए ही उन्होंने भारत को सलाह भी दी है कि वह अपने पड़ोसी के लिए अपने बर्ताव को बदलें।टर्की के राष्ट्रपति भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगा चुके हैं। पिछले वर्ष जब टर्की में तख्तापलट की कोशिशें नाकाम हुई थीं तो उन्होंने भारत को चेतावनी भी दी थी।