पाकिस्तान: आखिर क्यों सड़कों पर महिलाएं कह रही हैं 'लो बैठ गई ठीक से'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों एक अजब ही माहौल है। जहां पूरा मुल्क पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों पर चर्चा कर रहा है तो पाक में महिला दिवस के बाद से विरोध प्रदर्शन और मार्च का सिलसिला जारी है। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यहां एक पोस्टर तैयार किया गया। इस पोस्टर में महिला को टांगें फैलाकर बैठे हुए दर्शाया गया है। बस इसके बाद से ही पाकिस्तान में नई बहस शुरू हो गई। इस पोस्टर की वजह से बाहरी मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करने वाला पाक, अब घरेलू मोर्चे पर भी एक नए विवाद का सामना करने को मजबूर है। लोग यहां पर सवाल पूछ रहे हैं कि अब पाक में क्या महिलाओं को यह भी सीखने की जरूरत है कि उन्हें कैसे बैठना या फिर उठना है।
महिला दिवस के मौके पर आया पोस्टर
आठ मार्च को जिस समय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की आजादी और उन्हें हर अधिकारी देने की बात हो रही थी तो कराची की यूनिवर्सिटी में भी कुछ ऐसा ही करने की तैयारी हो रही थी। कराची यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 22 वर्ष की दो स्टूडेंट्स रुमिसा लखानी और राशिदा शब्बीर हुसैन ने इस खास दिन के लिए एक पोस्टर तैयार किया। जिस समय दोनों इस पोस्टर को तैयार करने में लगी थीं उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनका यह पोस्टर राष्ट्रीय स्तर पर नए विवाद को जन्म देने वाला होगा। 'वुमेनस्प्रेडिंग' इस पोस्टर पर दोनों ने एक महिला को टांगे फैलाकर बैठे हुए दिखाया है। बस सारे फसाद की जड़ यह पोस्टर बन गया।
कैसे मिला आइडिया
रुमिसा और राशिदा दोनों चाहती थीं कि कुछ ऐसा करें जिससे लोगों का ध्यान उनकी ओर जाए और इसके बाद दोनों आइडियाज तलाशने में लग गईं। उनकी एक दोस्त इसी समय अपनी टांगे फैलाकर बैठी थी और यह उनके पोस्टर का आइडिया था। रुमिसा और राशिदा ने इसी आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया। अब पाकिस्तान में लोगों का कहना है कि पोस्टर में बैठी लड़की को गलत और भद्दे तरीके पेश किया गया है। पोस्टर का स्लोगन है, 'लो बैठ गई ठीक से।'
पाक में शुरू हुआ औरत मार्च
रुमिसा का मानना है कि महिलाओं को कैसे बैठना चाहिए या नहीं, यह आपसी रजामंदी का मसला है। वह कहती है कि बैठने उठने में हमें थोड़ा सा सभ्य होना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा शरीर गलत तरह से न नजर आएं क्योंकि पुरुष एक सेकेंड को भी पलकें नहीं झुका सकते हैं। रुमिसा और राशिदा दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं। पाकिस्तान में पोस्टर के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसे औरत मार्च नाम दिया गया।
7500 लोगों ने लिया हिस्सा
इसे पाकिस्तान का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन करार दिया जा रहा है जो महिलाओं के लिए है।इस विरोध प्रदर्शन में एलजीबीटी कम्यूनिटी के लोग भी शामिल हैं। पाकिस्तान लैंगिक समानता के लिहाज से दुनिया का सबसे खराब देश है। साल 2018 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में लैगिंक समानता के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे खराब देश है। पाकिस्तान में इस विरोध प्रदर्शन में करीब 7500 लोगों के हिस्सा लेने की खबरें हैं।