तालिबान ने भी पाकिस्तान को लताड़ा, आर्टिकल 370 के साथ कश्मीर पर कही यह बात
इस्लामाबाद। आर्टिकल 370 हटने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान को अब आतंकी संगठन तालिबान की भी झिड़की सुनने को मिल रही है। तालिबान ने पाकिस्तान को भारत के साथ कश्मीर की वजह से जारी तनाव की वजह से फटकार लगाई है। तालिबान ने कश्मीर के हालातों को अफगानिस्तान से जोड़ने लताड़ा है। तालिबान ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि अफगानिस्तान को दूसरे देशों के साथ प्रतिद्वंदिता का मैदान न बनाएं।
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भारत ने खत्म कर दिया आर्टिकल 370
अफगानिस्तान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद की तरफ से बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया, 'इस तरह की खबरें आ रही हैं कि भारत ने कश्मीर का स्वायत्ता वाला दर्जा खत्म कर दिया है।' तालिबान ने अपने इस बयान में इस्लामिक देशों से मामले को सुलझाने के लिए कहा और इसके बाद पाकिस्तान को इशारा किया है। तालिबान ने कहा है, 'कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ने का कोई भी फायदा कुछ पार्टियों को संकट की स्थिति को बेहतर करने में कोई मदद नहीं करेगा। क्योंकि अफगानिस्तान किसी भी तरह से कश्मीर से नहीं जुड़ा है और किसी भी देश को इसे दूसरे देशों से प्रतिद्वंदिता के तौर पर नहीं देखना चाहिए।'
पाकिस्तान की संसद में बयान
तालिबान की तरफ से यह बयान गुरुवार को जारी किया गया है। तालिबान ने भारत से भी अपील की है कि वह ऐसे कदम उठाए जिससे क्षेत्र में हिंसा पर लगाम लग सके। तालिबान की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाक की संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कश्मीर और अफगानिस्तान के बीच समानता बताने की कोशिश की थी। शहबाज ने कहा था, 'यह कैसी डील है कि अफगान तो खुशी में है और काबुल में शांति का जश्न मना रहे हैं लेकिन कश्मीर में खून बह रहा है? हम इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे।'
पांच अगस्त को भारत ने लिया फैसला
काबुल में पाकिस्तान के दूतावास की ओर से कहा गया है कि कश्मीर का मुद्दा अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करेगा। भारत ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने का फैसला किया है। इस फैसले को पाकिस्तान ने पूरी तरह से गैर-कानूनी करार दिया है।
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विदेश मंत्री से मिले विशेष दूत
अफगानिस्तान के विशेष दूत जलमय खलीलजाद ने भी सात अगस्त को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। खलीलजाद ने जयशंकर को अफगान शांति प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी थी। माना जा रहा है कि अमेरिका और तालिबान के बीच एक सितंबर को एक डील अपने निष्कर्ष पर पहुंच सकती है। इसके साथ ही अफगानिस्तान में दो दशकों से जारी युद्ध को खत्म किया जा सकेगा।