पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बोले-मिनरल वॉटर का बायकॉट करें देश के लोग, चोर हैं ये कंपनियां
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश में मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि या तो वह देश को धोखा देना बंद करें नहीं तो उनकी इंडट्री पर ताले लटक जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली बेंच जिसे चीफ जस्टिस मिलन साकिब निसार लीड कर रहे हैं, उनकी तरफ से यह चेतावनी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कंपनियों को नोटिस भी जारी किया है। पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की ओर से यह खबर दी गई है।
रवैये में करें सुधार नहीं तो बंद हो जाएगी फैक्ट्री
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि अगर बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनियों ने पानी की क्वालिटी में सुधार नहीं किया तो इन कंपनियों को बंद कर दिया जाएगा। दरअसल, पाकिस्तान ने एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ संयंत्रों के पास पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेषज्ञ या प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं हैं। चीफ जस्टिस साकिब निसार, न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति फैसल अरबाब की बेंच ने बोतलबंद पानी के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए जल आयोग की ओर से दायर रिपोर्ट पर निराशा व्यक्त की है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि कुछ कंपनियों के पास पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेषज्ञ और प्रशिक्षत कर्मचारी नहीं हैं, वहीं कुछ अन्य संयंत्रों के पास पर्यावरण संबंधी जरूरी मंजूरी नहीं हैं।
मिनरल वॉटर की कमी से प्यासे नहीं मरेंगे लोग
चीफ जस्टिस ने तो यहां तक कह डाला कि कि आयोग की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद, वह बोतलबंद पानी की कंपनियों पर ताला लगाना चाहते हैं। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने यह भी वॉर्निंग दी कि जो कंपनियां पानी चुरा रही हैं उन्हें मुआवजा देना होगा। चीफ जस्टिस ने साफ किया कि अगर कंपनियों ने अपने कामकाज में सुधार नहीं किया तो शीर्ष अदालत के पास उन्हें बंद करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं होगा। चीफ जस्टिस ने कहा, 'यदि इन कंपनियों को बंद कर दिया जाए तो कोई प्यास से नहीं मरेगा। '
पाकिस्तान को इथोपिया नहीं बनने देंगे
चीफ जस्टिस ने कहा कि मिनरल वॉटर तैयार करने वाली कंपनियों पर दया करने का उनका कोई इरादा नहीं है, क्योंकि ये देश की जनता के साथ धोखा कर रही हैं। चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा, 'हम अपने बच्चों को यह पानी नहीं मिला सकते हैं क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि पाकिस्तान अगला इथोपिया बने।' उन्होंने लोगों से मिनरल वॉटर का बायकॉट करने की धमकी भी दी। चीफ जस्टिस ने कहा कि कंपनियां बोतलबंद पानी में मौजूद प्राकृतिक मिनरल्स को आर्टिफिशियल मिनरल्स से बदल देती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मिनरल वॉटर की कंपनियां हर माह 7.5 बिलियन लीटर ग्राउंडवॉटर का प्रयोग हर माह करती हैं। इसके साथ ही ये कंपनियां 1.5 बिलियन लीटर गंदा पानी अंडरग्राउंड भेज देती हैं।