श्रीलंका ने खोली पाकिस्तान के झूठ की पोल, राष्ट्रपति सिरीसेना ने आर्टिकल 370 पर नहीं किया है समर्थन
कोलंबो। आर्टिकल 370 पर भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका ने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शर्मसार होने पर मजबूर कर दिया है। श्रीलंका की ओर ये बयान जारी कर कहा गया है कि उसके राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कभी पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर समर्थन नहीं दिया है। पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने दावा किया था कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत के फैसले पर खेद जताया है। साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के खत्म होने पर पाक को समर्थन दिया है। पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था और इसके साथ ही राज्य को मिला विशेष दर्जा भी समाप्त हो गया था।
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भारत और पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं
पिछले दिनों पाकिस्तान के कोलंबो में स्थित उच्चायुक्त के अनुरोध पर राष्ट्रपति सिरीसेना के साथ उनकी मीटिंग हुई थी। यह मीटिंग जम्मू कश्मीर के नए हालातों के मद्देनजर थी। श्रीलंका के राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान, दोनों के ही साथ श्रीलंका के दोस्ताना रिश्ते हैं। बयान के मुताबिक, 'राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के मुद्दों पर कोई भी टिप्पणी नहीं की थी।' पाकिस्तान की ओर से एक बयान उच्चायुक्त और राष्ट्रपति की मीटिंग के बाद बयान जारी किया गया था। इस बयान में कहा गया था कि सिरीसेना ने यह बात स्वीकारी है कि जम्मू कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। उन्होंने इसके साथ ही यूनाइटेड नेशंस (यूएन) प्रस्तावों के तहत इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया था।
एक के बाद एक झूठ बोलती प्रेस रिलीज
पाक की ओर से इससे जुड़ी एक प्रेस रिलीज जारी की गई थी। इसमें कहा गया था, 'राष्ट्रपति ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की है और साथ ही भारत -पाक के बीच वार्ता को आगे बढ़ाने के अलावा सार्क फोरम को फिर से सक्रिय करने की बात कही है।' पाकिस्तान ने सिरीसेना का नाम लेते हुए यहां तक कह डाला था कि राष्ट्रपति मानते हैं क्षेत्र में स्थिरता और शांति के लिए कश्मीर मुद्दे का सुलझना बहुत जरूरी है। भारत ने जब से जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया है तब से ही पाकिस्तान भड़का हुआ है। पाक ने भारत के साथ अपने हर राजनयिक संबंध खत्म कर लिए हैं। इसके साथ ही पाक पीएम इमरान खान ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पाक को अब भारत के साथ किसी भी तरह की वार्ता नहीं करनी है क्योंकि उसने उनका शांति का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
इमरान बोले भारत से कोई वार्ता नहीं
इमरान खान के बयान पर भारत की ओर से प्रतिक्रिया भी दी गई है। भारत ने दो टूक कह दिया है कि पाक को लगातार आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं। इमरान खान ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ बातचीत में कहा, 'अब उनसे बात करने का कोई मतलब नहीं है। मेरा मतलब है कि मैंने हमेशा बात की। दुर्भाग्य से अब मैं जब कभी भी पीछे मुड़कर देखता हूं तो मेरे शांति और वार्ता के सभी प्रस्तावों को उन्होंने सिर्फ तुष्टीकरण के तौर पर ही देखा।' इमरान ने यह इंटरव्यू इस्लामाबाद स्थित अपने ऑफिस में दिया है। इमरान ने इंटरव्यू में यह भी कहा है कि अब वह इससे ज्यादा कुछ और नहीं कर सकते।
भारत ने दिया पाक को जवाब
आर्टिकल 370 पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है। चीन के अलावा इस मुद्दे पर कोई भी देश उसके साथ खड़ा होने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान के कहने पर चीन ने पिछले दिनों यूएनएससी में इस मुद्दे पर बंद कमरे में चर्चा की थी। यहां पर भी हर सदस्य ने पाक का साथ छोड़ दिया। यूएनएससी के सदस्यों ने साफ कर दिया है कि भारत-पाक को आपसी मसले द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाने चाहिए। भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को साफ कर दिया है कि कश्मीर, भारत का आतंरिक मसला है और साथ ही आर्टिकल 370 के खत्म होने से बाह्य सीमा पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। भारत ने पाक पर दुनिया को इस मुद्दे पर भ्रमित करने का आरोप भी लगाया है।