वार्ता कैंसिल होने के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत पर कसा तंज, कहा छोटे और घमंडी लोग चला रहे सरकार
इस्लामाबाद। भारत की तरफ से शुक्रवार को वार्ता रद्द करने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है। इमरान ने ट्विटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। गुरुवार को पाक पीएम इमरान की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी सामने आई थी। इस चिट्ठी में इमरान ने मोदी को विदेश मंत्रियों की वार्ता को फिर से शुरू कराने का प्रस्ताव दिया था। इस चिट्ठी के बाद इसी दिन भारत की तरफ से घोषणा की गई थी अमेरिका के न्यूयॉर्क में इस माह होने वाली यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) से अलग भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात करेंगी। लेकिन शुक्रवार को भारत ने वार्ता को रद्द करने का ऐलान कर दिया। भारत ने वार्ता रद्द करने के पीछे जम्मू कश्मीर के हालातों को दोषी ठहराया था।
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भविष्य देखने की क्षमता नहीं
शनिवार को भारत के फैसले पर इमरान ने ट्विटर पर आकर प्रतिक्रिया दी। इमरान ने लिखा, 'भारत की ओर से उनकी तरफ से शांति वार्ता की अपील का घमंड से भरा और नकारात्मक जवाब दिया गया है, इस बात मैं काफी निराश हूं। लेकिन अपनी पूरी जिंदगी में मैं ऐसे छोटे लोगों के संपर्क में आया हूं जो महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं और जिनके पास आगे की तरफ देखने की क्षमता ही नहीं है।' सुषमा और कुरैशी की मुलाकात 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में होनी तय होती थी। वार्ता के कैंसिल होने के बाद कुरैशी ने भी कहा, 'यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने सही तरह से जवाब नहीं दिया। भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को वार्ता कैंसिल करने से जुड़ा आधिकारिक बयान जारी किया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 'पाकिस्तान का एक खराब एजेंडा सामने आ गया है और साथ ही इमरान खान का भी असली चेहरा अब दुनिया के सामने आ गया है।'
बातचीत बिल्कुल निरर्थक
इस वार्ता के बारे में प्रवक्ता रवीश कुमार की ओर से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि भारत दो बातों को लेकर काफी दुखी है। रवीश कुमार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की तरफ से सुरक्षाबलों के जवानों की हत्या और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी पर डाक टिकट को जारी करना वार्ता के रद्द होने की अहम वजहों में बताया। उन्होंने कहा कि इस माहौल में पाकिस्तान के साथ वार्ता एकदम ही निरर्थक है। रवीश कुमार ने यह भी कहा कि बदले हुए माहौल तक भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की न्यूयॉर्क में मुलाकात नहीं होगी।
सेना और सरकार एक-दूसरे के करीबी
इस बीच पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने अपने देश की सेना का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि सरकार और सेना इतने करीब हैं कि अगर आर्मी नहीं चाहती तो फिर पीएम इमरान, भारत के पीएम मोदी को वार्ता के लिए चिट्ठी नहीं लिखते। उन्होंने कहा कि इमरान खान की सरकार हमेशा से ही भारत के साथ वार्ता को लेकर गंभीर रही है। उनकी मानें तो उनकी मंशा क्या थी यह दुनिया के सामने है और साथ ही भारत ने जो भी फैसला लिया वह भी दुनिया देख रही है।