PAK का वो कैदी जिसके लिए जेल भी बनी आलीशान, हत्यारे बेटे के लिए बाप ने खरीद लिया था पूरा अस्पताल
इस्लामाबाद, 16 जनवरी। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों के लिए दुनियाभर में बदनाम है। भारतीय कैदियों को पाकिस्तान की जेलों में भले ही कितनी यातनाएं दी जाती हों लेकिन, वहां सिर्फ आतंकवादियों को ही नहीं बल्कि जेल में रहने वाले स्थानीय कैदियों को भी किसी राजा-महराजा जैसी सुविधा दी जाती है। आज हम आपको पड़ोसी मुल्क के एक ऐसे ही उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसके लिए जेल को भी आलीशान बना दिया गया। यहां तक कि जिस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था, हत्यारे बेटे के लिए उसे भी उसके अरबपति पिता ने खरीद लिया था।
पाकिस्तान का चर्चित शाहजेब हत्याकांड
साल 2012 में पाकिस्तान के शाहजेब हत्याकांड ने दुनियाभर में सुर्खियां बंटोरी, इस मामले ने स्थानीय प्रशासन में दीमक की तरह फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी थी। पाकिस्तान के रसूखदार और अरबपति शख्स सामंत सिकंदर के बेटे शाहरुख शाहरुख जतोई ने 25 दिसंबर, 2012 को एक मामूली बहस में कराची में एक पुलिस डीएसपी के बेटे शाहजेब खान की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद सामंत सिकंदर ने अपने पैसे और राजनीतिक पावर का इस्तेमाल कर बेटे को दुबई भेज दिया था।
पाकिस्तान में अमीरों का दबदबा
उधर, पाकिस्तान में शाहजेब की हत्या के बाद बवाल मच गया, लोगों ने शाहजेब खान के हत्यारे को पकड़ने में कोताही का आरोप पुलिस पर लगाया। लोगों ने पाकिस्तान के अमीरों द्वारा ताकत का दुरुपयोग करने के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था। लोगों में आक्रोश देश तत्कालीन सरकार हरकत में आई और बाद में शाहरुख जतोई को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और निचली अदालत ने शाहरुख को मौत की सजा सुनाई।
मृतक के पिता ने हत्यारे को कर दिया था माफ
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसके कुछ महीने बाद खबर आई कि मृतक शाहजेब खान और हत्यारे शाहरुख जतोई के परिवार के बीच कुछ पैसों का लेन-देन हुआ, जिसके बाद शाहजेब के पिता ने अल्लाह के नाम पर अपने बेटे की हत्या के दोषी शाहरुख को माफ करने और केस वापस लेने का ऐलान किया। हालांकि शाहरुख के भाई अशरफ ने पैसों के लेन-देन की बात को खारिज करते हुए कहा कि शाहजेब के परिवार ने अल्लाह के नाम पर (शाहरुख जतोई) को माफ कर दिया। उन्होंने कोई नकदी नहीं ली। शाहरुख जतोई और उनके दोस्तों ने जो किया वह गलत था।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
ये बात साल 2017 की है जब शाहजेब के परिवार द्वारा माफ किए जाने के बाद शाहरुख को देश के 'किसस और दीयात कानून' के तहत जेल से रिहा कर दिया गया। हालांकि इसे लेकर भी पाकिस्तान में काफी बवाल मचा जिसके बाद देश के सुप्रीम कोर्ट ने 2018 इस पर संज्ञान लिया। बाद में सिंध उच्च न्यायालय ने शाहरुख की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। जब वह जेल में था तो कथित तौर पर उसके लिए वहां सभी सुख-सुविधाओं का इंतजाम किया गया था।
जेल में शाहरुख को मिलीं सभी सुविधाएं
रिपोर्ट के मुताबिक जेल में शाहरुख के कारागार की कुछ तस्वीरें सामने आईं जिसमें उसके लिए मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर, डबल बेड, एयर कंडीशनर (एसी) और टीवी लगाया गया है। इतना ही नहीं कुछ तस्वीरों में शाहरुख की सिर की मालिश करते लोग भी नजर आए, और उसके लिए अलग से बावर्ची भी लगाया गया था। इसके अलावा जो जब चाहे शाहरुख से मिल भी सकता है। इन तस्वीरों और दावों के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने जेल का औचक दौरा भी किया।
सरकार के दावों की खुली पोल
साकिब निसार एक कैदी को जेल में ऐसी सुविधाएं मुहैया कराने पर जेल अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। इस बीच सरकार ने ऐलान किया कि वह पूरे मामले की जांच करेंगे और आगे से किसी को भी कानून के मुंह पर कालिख नहीं पोतने देंगे। हालांकि शाहरुख को मिलने वाली सुविधाओं में कमी को लेकर फिर कोई रिपोर्ट सामने नहीं है। इस महीने की शुरुआत में एक बार फिर शाहरुख जतोई तब चर्चा में आया जब उसके अस्पताल में भर्ती होने की खबर सामने आई।
अस्पताल के कमरों में बिताए ढाई साल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शाहरुख जतोई को किसी बीमारी के कारण कई अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उसे एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया जहां वह 8 महीने से रह रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले ढाई साल से शाहरुख जेल की बजाए अस्पताल के कमरों में ही दिन गुजार रहा था। जिस आखिरी प्राइवेट अस्पताल में शाहरुख 8 महीने से रह रहा था उसे उसके पिता सामंत सिकंदर ने खरीद लिया था, ताकि बेटे को किसी तरह की परेशानी न हो।
पिता ने खरीद लिया था अस्पताल
इस खबर के सामने आने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में हंगामा मचा और एक नया हैरान करने वाला खुलासा सामने आया। पता चला कि सिर्फ शाहरुख ही नहीं बल्कि लगभग 20 और कैदी जेल की बजाए अस्पतालों में ही आराम की जिंदगी काट रहे हैं। दरअसल, यह करोड़ों का कारोबार बन गया है, जिसमें पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से लेकर सिपाही तक को पैसे खिलाए जाते थे। फिलहाल इन सब कैदियों को हंगामा थमने तक जेल भेज दिया गया है। पाकिस्तान में आम आदमी के लिए जेल वास्तव में किसी नर्क से कम नहीं है, लेकिन पैसे वाले कैदियों के लिए यह आलीशान जगह है।
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