पुलवामा हमला: युद्ध की आशंका से डरा पाकिस्तान, अस्पतालों से बेड खाली रखने को कहा गया
इस्लामाबाद। 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है। अब जो नई खबर आ रही है उसके मुताबिक पाकिस्तान की सेना अस्पतालों को आदेश दिया है कि वे अपने यहां पर बेड खाली रखें ताकि संकट के समय कोई परेशानी सैनिकों को न हो। हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद शामिल है और जैश ने खुद एक मैसेज भेजकर इसकी जिम्मेदारी ली। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर ने तो प्रधानमंत्री इमरान खान को यह तक कह दिया है कि वह भारत के दबाव में आकर उसके खिलाफ कार्रवाई तक न सोंचें।
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आर्मी हेडक्वार्टर्स ने लिखा चिट्ठी
इंग्लिश डेली टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है। इस रिपोर्ट में दो आधिकारिक डाम्यूमेंट्स का हवाला दिया गया है। एक डॉक्यूमेंट जो कि पाकिस्तान की मिलिट्री का है, उसे पीओके में स्थानीय प्रशासन को भेजा गया है। इस पर अगर यकीन करें तो पाकिस्तान में भारत के साथ युद्ध की तैयारिंया शुरू हो चुकी हैं। पाकिस्तान आर्मी के क्वेटा स्थित हेडक्वार्ट्स क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया (एचक्यूएलए) की ओर से यहां के जिलियानी अस्पताल को चिट्ठी भेजी गई है। यह चिट्ठी 20 फरवरी की है। इसमें भारत के साथ युद्ध होने की स्थिति में अस्पतालों को क्या करना है, इससे जुड़े निर्देश दिए गए हैं।
25 प्रतिशत बेड खाली रखने का आदेश
चिट्ठी में लिखा है, 'पश्चिमी मोर्चे पर इमरजेंसी की स्थिति में क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया में कुछ घायल सैनिक सिंध और पंजाब के मिलिट्री और सिविल हॉस्पिटल से आपके यहां पर आ सकते हैं। प्राथमिक उपचार के बाद इन सैनिकों को मिलिट्री हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जा सकता है। ऐसे में बलूचिस्तान स्थित सिविल हॉस्पिटल में बेड नहीं मिलने तक सैनिकों को रखा जाएगा।' यह चिट्ठी जिलयानी हॉस्पिटल के अब्दुल मलिक को वन एशिया नाज के फोर्स कमांडर की ओर से लिखी गई है। चिट्ठी में आगे लिखा है, 'लॉजिस्टिक्स एरिया में सभी मिलिट्री और सिविल हॉस्पिटल के लिए विस्तृत सपोर्ट प्लान है। मिलिट्री हॉस्पिटल में बेड न होने की स्थिति में घायल सैनिकों के इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल को अपने यहां पर 25 प्रतिशत बेड खाली रखने होंगे।'
पीओके के नागरिकों को अंधेरे में रहने की सलाह
गुरुवार को पीओके की सरकार की तरफ से एलओसी से सटे नीलम, झेलम, रावलकोट, हवेली, कोटली और भीमभेर इलाकों के प्रशासन को भी एक लेटर लिखा गया था। इसमें इंडियन आर्मी की तरफ से होने वाली प्रतिक्रिया स्वरूप रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को आगाह किया गया था। पाकिस्तान ने एलओसी पर स्थित लॉन्चपैड्स से भी आतंकियों को कहीं दूसरी जगह पर भेज दिया है। पीओके सरकार की चिट्ठी में कहा गया है कि जो लोग एलओसी पर रह रहे हैं और उनके पास बंकर्स नहीं हैं तो वे तुरंत बंकर्स बना लें। इसके अलावा उन्हें रात में रोशनी करने से भी मना कर दिया गया। साथ ही उनसे साफ कर दिया गया है कि अगर कोई काम नहीं है तो वे एलओसी के नजदीक न जाएं।
सेनाएं बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर
पाक ने अपनी सेनाओं को जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को बदले की चेतावनी दी गई है। उन्होंने साफ कर दिया है कि सेनाएं तय करें कि उन्हें इस हमले का बदला कैसे लेना है। सरकार की ओर से सेनाओं को पूरी छूट दे दी गई है। पाकिस्तान ने भी यूएन के पी5 देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और पुलवामा हमले को भारत का प्रपोगेंडा बताया।