'पाकिस्तान के लिए आज शर्मनाक दिन', अपने ही देश के लिए अब ऐसा क्यों बोल रहे हैं PM इमरान खान
'पाकिस्तान के लिए आज शर्मनाक दिन', अपने ही देश के लिए अब ऐसा क्यों बोल रहे हैं PM इमरान खान
लाहौर, 04 दिसंबर: पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई कारखाने के प्रबंधक की शुक्रवार (03 दिसंबर) को भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसे आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि मॉब लिचिंग की घटना में एक श्रीलंकाई शख्स की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना धर्म भावना ठेस पहुंचने को लेकर हुई थी। पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान में धर्म से जुड़े मुद्दे काफी बढ़ गए हैं। जैसे ही लोगों को लग रह है कि इस्लाम के अपमान हो रहा है, उसके बाद से ही विरोध को तेज हो जा रहा है और लिंचिंग को उकसाया जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इस भयानक हादसे की जांच कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि "पाकिस्तान के लिए आज एक बहुत ही शर्मनाक दिन है।''
इमरान खान बोले- सबको मिलेगी सजा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मॉब लिचिंग पर दुख जताया है कि और इंसाफ का विश्वास जताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, ''गलती किसी की भी हो, सभी जिम्मेदार लोगों को कानून की पूरी गंभीरता के साथ दंडित किया जाएगा। मैं विश्वास दिलाता हूं इस मामले में इंसाफ होगा।''
ये मॉब लिचिंग की पूरी घटना पाकिस्तान की राजधानी नी इस्लामाबाद से करीब 200 किलोमीटर (125 मील) दक्षिण-पूर्व में सियालकोट में हुई है।
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पहले पीट-पीट कर अधमरा किया फिर आग में फेंक दिया!
पाकिस्तान के सियालकोट में हुई इस मॉब लिचिंग की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है। वीडियो क्लिप में एक भीड़ को ईशनिंदा के खिलाफ नारे लगाते हुए पीड़ित को पीटते हुए दिखाया गया है। अन्य क्लिप में उनके (श्रीलंका के शख्स) शरीर को आग के हवाले करते हुए दिखाया गया था। साथ ही उनकी कार के बारे में कहा गया था कि उनका मलबा पलट गया था। भीड़ में से किसी ने भी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश नहीं की है। बल्कि कुछ ने जलती लाश के सामने सेल्फी ली है।
50 लोगों की हुई गिरफ्तारी
पंजाब सरकार के प्रवक्ता हसन खरवार ने लाहौर में मीडिया से कहा कि पुलिस पहले ही 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने कहा, "सीसीटीवी फुटेज की सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है क्योंकि हमें 48 घंटे के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।"
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में वही नारे लगाए गए, जो तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों द्वारा इस्तेमाल किए गए थे। बता दें कि टीएलपी ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में कई विरोध प्रदर्शन को हवा दी है। इसी संस्था ने पेरिस स्थित व्यंग्य पत्रिका चार्ली हेब्दो द्वारा पिछले साल पैगंबर मोहम्मद को चित्रित करने वाले कार्टूनों को फिर से प्रकाशित करने के बाद फ्रांस विरोधी अभियान को बढ़ावा दिया था। हालांकि पिछले महीने ही इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।
पाकिस्तान में बढ़ रहा गुस्साए भीड़ का आतंक!
बता दें कि हाल ही में उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुरान जलाने के आरोपी एक व्यक्ति को अधिकारियों से सौंपे जाने की मांग को लेकर रविवार को हजारों लोगों ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी। भीड़ की मांग थी कि जिस आरोपी ने कुरान को जलाया है, उसे हमें सौंप दो लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद पुलिस थाने में आग लगा दी घई थी।
वहीं अप्रैल 2017 में गुस्साई भीड़ ने विश्वविद्यालय के छात्र मशाल खान को तब पीट-पीट कर मार डाला था, जब उन पर ईशनिंदा सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था। 2014 में पंजाब में एक ईसाई जोड़े को एक भट्ठे में जला दिया गया था, जब उन पर कुरान को अपवित्र करने का झूठा आरोप लगाया गया था।
इस घटना से नाराज है श्रीलंका
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि इस्लामाबाद इस घटना को लेकर श्रीलंकाई राजनयिकों के संपर्क में है और उन्हें आश्वासन दिया है कि जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। अधिकार समूहों का कहना है कि ईशनिंदा के आरोपों को अक्सर व्यक्तिगत प्रतिशोध को निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जाता है।