Pak: Biden के अफ़गान प्लान से परेशान PM इमरान, आर्मी और ISI चीफ के साथ की बैठक
Afghan Peace Peal and Pakistan: इस्लामाबाद। अफगानिस्तान शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के नए प्लान को लेकर पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। इसी सिलसिले में मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई चीफ के साथ मुलाकात की है। बाइडेन प्रशासन ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका अफगानिस्तान शांति वार्ता की समीक्षा करेगा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में पिछले साल सितम्बर में अफगानिस्तान को लेकर तालिबान के साथ शांति वार्ता की शुरुआत हुई थी। कतर की राजधानी दोहा में हुई इस बैठक में अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान पहली बार शांति वार्ता की मेज पर बैठे थे। तालिबान का पाकिस्तान की सेना के साथ संबंध किसी से छिपी बात नहीं रही है। यही वजह है कि तालिबान को बातचीत की मेज तक लाने में पाकिस्तान का बड़ा रोल रहा था। यही वजह है कि अंतिम समय में ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के प्रति थोड़ा नरम रुख भी रखने लगा था।
बाइडेन
प्रशासन
करेगा
समीक्षा
जो
बाइडेन
के
राष्ट्रपति
बनते
ही
अमेरिका
ने
अफगान
शांति
वार्ता
की
फिर
से
समीक्षा
करने
की
बात
कही
है।
इसके
पीछे
बताया
जा
रहा
है
कि
अमेरिका
अफगानिस्तान
को
अधर
में
नहीं
छोड़ना
चाह
रहा।
इस
बात
की
पहले
से
भी
उम्मीद
की
जा
रही
थी
कि
बाइडेन
प्रशासन
ट्रंप
की
तरह
अमेरिका
की
अंतरराष्ट्रीय
हिस्सेदारी
को
कम
करने
पर
जोर
नहीं
देगा।
वहीं
अफगानिस्तान
में
हाल
के
दिनों
में
हुई
हिंसा
ने
भी
इस
बात
को
लेकर
सोचने
पर
मजबूर
किया
है
कि
शांतिवार्ता
को
लेकर
चल
रही
कोशिश
का
कुछ
खास
असर
नहीं
हुआ
है।
बाइडेन प्रशासन के अफगान शांति वार्ता की समीक्षा के बाद पाकिस्तान परेशान हो उठा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद के साथ मुलाकात की। पाकिस्तान के न्यूज आउटलेट एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक इस उच्च स्तरीय बैठक में बाइडेन प्रशासन के नए प्लान पर पाकिस्तान के कदम को लेकर चर्चा हुई। वहीं इस दौरान इस बात की संभावना पर भी चर्चा हुई कि अमेरिका वार्ता को लेकर किन मुद्दों पर समीक्षा कर सकता है।
600
तालिबान
लड़ाके
फिर
गिरफ्तार
वहीं
बाइडेन
के
राष्ट्रपति
बनने
के
बाद
अमेरिका
और
अफगानिस्तान
के
राष्ट्रीय
सुरक्षा
सलाहकारों
ने
आपस
में
बात
की
थी
जिसके
बाद
अफगानिस्तान
ने
तालिबान
के
600
लड़ाकों
को
फिर
से
गिरफ्तार
कर
लिया
है
जिन्हें
शांति
वार्ता
को
लेकर
समझौते
के
तहत
छोड़ा
गया
था।
अफगानिस्तान
सरकार
ने
इसका
ये
कहते
हुए
बचाव
किया
था
कि
तालिबान
लड़ाके
फिर
से
जंग
के
मैदान
में
लौट
रहे
हैं।
इसके
साथ
ही
अफगान
राष्ट्रपति
कार्यालय
ने
भी
अमेरिका
के
शांति
वार्ता
की
समीक्षा
की
घोषणा
का
स्वागत
किया
है।