पाक को एक और झटका, संसदीय समिति ने सीपीईसी प्राधिकरण के गठन को नहीं दी मंजूरी
बेंगलुरु। कंगाल पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन बत्तर होती जहा रही है। अपनी आवाम दो जून की सस्ती रोटी मुहैय्या करा पाने में नाकाम पाक को एक और झटका लगा हैं। यह बड़ा झटका आर्थिक राजनीतिक व कूटनीति सब मामलों में धराशायी पाकिस्तान सरकार को अब चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सीपीईसी पर मिला हैं।
इसके अंतर्गत 60 अरब डॉलर की परियोजना से संबंधित सभी कार्य एक ही एंजेसी के पास रहने की बात कही गई थी। समिति ने एक बैठक में सीपीईसी प्राधिकरण के गठन को गैर जरुरी बताते हुए कहा कि इससे अरबों डालर की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर ज्यादा भ्रांतियां उत्पन्न होंगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त संसदीय समिति ने सरकार के उस फैसले का भी विरोध किया है, जिसमें प्राधिकरण का गठन राष्ट्रपति केअध्यादेश से किए जाने की बात कही गई है।
संसदीय समिति का मानना है कि इससे सरकार की साख पर बट्टा लगेगा। बता दें कि इसी सप्ताह संघीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति केअध्यादेश के जरिए सीपीईसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए सीपीइ्रसी प्राधिकारण के गठन को मंजूरी दी थी।
समिति के एक सदस्य ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि सदस्यों ने हाथ खड़े कर सीपीईसी प्रािधकरण गठन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान ने 2016 में सीपीईसी प्राधिकरण का विचार दिया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाल शरीफ ने इससे इंकार कर दिया था।