पाकिस्तान के रिटायर्ड मिलिट्री ऑफिसर ने NSA डोवाल पर लगाया बड़ा आरोप
इस्लामाबाद। पाकिस्तान मिलिट्री के एक रिटायर्ड ऑफिसर ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल पर बड़ा आरोप लगाया है। इस ऑफिसर का कहना है कि डोवाल, पाकिस्तान को कश्मीर मसले से दूर रखने के लिए चरमपंथियों का प्रयोग पश्तून ट्राइबल इलाकों और बलूचिस्तान में कर रहे हैं। इन वेटरन की मानें तो डोवाल का मकसद पाक आर्मी को कश्मीर से दूर रखना और आंतरिक सुरक्षा के मसलों में उलझाकर रखना है।
पाकिस्तान आर्मी को सीमित करने की मंशा
पाकिस्तान के कॉलमनिस्ट रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर, एयर वाइस मार्शल शहजाद चौधरी ने 'डोवाल्स डर्टी वॉर' नाम से एक आर्टिकल अखबार ट्रिब्यून के लिखा है। 22 नवंबर को आए इस आर्टिकल में उन्होंने लिखा है, 'ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि रॉ, टीटीपी के तत्वों के साथ सांठगांठ कर रही हैं और उन्हें अल्लाह नजर और बलूचिस्तान में अलग-थलग कर रही हैं। इसमें उन्हें पाकिस्तान के पूर्व जनजातीय इलाकों में बसे राष्ट्रवादी तत्वों का समर्थन भी मिल रहा है। अब डोवाल युद्ध के अलग चरण की योजना बना रहे हैं।' उन्होंने आगे लिखा है कि लगातार यह योजना आगे बढ़ रही है क्योंकि डोवाल, पाकिस्तान को कश्मीर मसले से अलग कर उसे बस उसकी सीमा तक ही सीमित करना चाहते हैं।
डोवाल की वजह से हटा आर्टिकल 370
रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर का यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब पूर्व पीएम नवाज शरीफ समेत कुछ और राजनेताओं ने पाकिस्तान आर्मी पर चुनावों में छेड़छाड़ करने और लोकतंत्र को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। एयरमार्शल चौधरी ने अपने आर्टिकल में कहा है कि साल 2014 में जब से डोवाल एनएसए बने हैं तब से ही वह पाकिस्तान को आतंकवाद के उदाहरण के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। उनकी मानें तो अगर भारत को कश्मीर में दर्द मिलता है तो वह इसका बदला बलूचिस्तान में लेगा। उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटाने का फैसला भी डोवाल के दिमाग की उपज है। चौधरी की मानें तो पाकिस्तान में एक आधिकारिक एसाइंनमेंट के तहत छह साल बिताने वाले डोवाल बतौर एनएसए भारत की पाकिस्तान नीति को संभाल रहे हैं।