पाकिस्तान का मीडिया भी बोला-कुलभूषण जाधव को दी फांसी तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के पाकिस्तानी सेना के फैसले पर वहां के मीडिया ने कहा है कि अगर कुलभूषण को फांसी दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने होंगे।
इस्लामाबाद। कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के पाकिस्तानी सेना के फैसले पर वहां के मीडिया ने कहा है कि अगर कुलभूषण को फांसी दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने होंगे।
पुख्ता सुबूत हैं तो सार्वजनिक किया जाना चाहिए
जासूसी के आरोप में भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के पाकिस्तानी सेना के फैसले पर वहां के मीडिया ने कहा है कि अगर कुलभूषण को फांसी दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने होंगे। वहीं लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान को सीधे तौर पर चेतावनी दे दी है। पाकिस्तान के मीडिया के मुताबिक अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी जाती है इसका असर भारत-पाकिस्तान के संबंधों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलेगा। वहीं कुछ पाकिस्तान ने पत्रकारों ने यह भी कहा है कि अगर कुलभूषण जाधव के खिलाफ सरकार के पास पुख्ता सुबूत हैं तो सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
फैसला दोनों देशों के बीच तनाव में और इजाफा ज्यादा करेगा
पाकिस्तान के राइट विंग विचारधारा वाले समाचार पत्र द नेशन ने अपने पहले पन्ने पर दी गई खबर में लिखा है कि सोमवार को एक सैन्य अदालत ने दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच लंबे समय से जारी तनाव को और बढ़ाते हुए हाई प्रोफाइल भारतीय जासूस को मौत की सजा सुनाई।राजनीतिक और रक्षा विशेषज्ञ डॉ. हसन अस्करी के हवाले से लिखा है कि कुलभूषण जाधव को फांसी देने का फैसला दोनों देशों के बीच तनाव में और इजाफा ज्यादा करेगा। हसन अस्करी ने लिखा कि सेना ने सख्त सजा दी है जो पाकिस्तान के कानून के मुताबिक है। पर हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान इसके राजनीतिक और कूटनीतिक दुष्प्रभावों को बर्दाश्त कर भी पाएगा या नहीं।
राजनीतिक विवाद पनपने की आशंका बढ़ गई
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने कहा कि यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब पाकिस्तान और भारत के बीच पहले से तनाव जारी है। अखबार में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तलत मसूद ने लिखा है कि लंबे समय से पाकिस्तान यह साबित करने के लिये संघर्ष कर रहा है कि पाकिस्तान की अस्थिरता में भारत का हाथ है। मामले में मदद मांगने के लिये हमारे राजदूत कई देश गए लेकिन कुछ भी हाथ नहीं आया। अब हमने अपना कदम उठाया है, पर हमें भारत के जवाबी हमले के लिये तैयार रहना चाहिए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस फैसले को अभूतपूर्व बताते हुए कहा है कि रिपोर्ट में इस फैसले से पड़ोसी देशों के बीच कटु राजनीतिक विवाद पनपने की आशंका बढ़ गई है।
भारत की प्रतिक्रिया को लेकर क्यों बात कर रहा है?
पाकिस्तान के टीवी समाचार चैनल जियो न्यूज में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान को जासूस के खिलाफ मिले सुबूतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर हर कोई पहले ही भारत की प्रतिक्रिया को लेकर क्यों बात कर रहा है? मेरा मानना है कि भारत को सूझबूझ से काम लेना चाहिए और इस खबर पर बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। अगर लोगों को अजमल कसाब की फांसी याद हो तो पाकिस्तान इस पूरे मुद्दे पर खामोश रहा था।