पाकिस्तान के अली हसन ने पेरिस में किया था आतंकी हमला, पिता बोले-बहुत अच्छा काम किया, मुझे फख्र है
पेरिस। पिछले हफ्ते फ्रांस की राजधानी पेरिस में मैगजीन चार्ली हेब्दो के पुराने ऑफिस पर दो व्यक्तियों की हत्या करने वाले शख्स के पिता ने कहा है कि उन्हें बहुत खुशी है और इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे के कृत्य को 'गौरवशाली' करार दे डाला है। हमला करने वाला शख्स पाकिस्तान का रहने वाला है और उसके पिता ने पाक की वेबसाइट नया पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में यह बातें कही हैं। पिता का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें-भारत ने फिर गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान को चेताया
'बेटे ने बहुत अच्छा काम किया'
फ्रांस की सरकार ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को हुई घटना को आतंकी घटना करार दिया है। इस घटना को अंजाम देने वाले शख्स का नाम अली हसन बताया जा रहा है। अली, पाकिस्तान का रहने वाला है। उसके पिता की मानें तो अली ने 'बहुत अच्छा काम किया' और वह इस हमले के बारे में जानकर काफी खुश हैं। फ्रांस की सरकार की तरफ से हमले की निंदा की गई है। सरकार ने इस घटना को इस्लामिक आतंकवाद की श्रेणी में रखा है। अली हसन के हमले में एक टीवी प्रोडक्शन एजेंसी प्रीमियर्स लीजेन्स के दो कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मैगजीन का ऑफिस जनवरी 2015 को हुई घटना के बाद दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। साल 2015 में हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी।
इमरान से बोले-मेरे बेटे को देश लाओ
अली हसन जिस समय हमला करने जा रहा था, उससे पहले उसने एक वीडियो जारी किया था। दो मिनट के इस वीडियो में उसने अपना नाम जहीर हसन महमूद बताया था। अली हसन उर्फ जहीर हसन महमूद पर मैगजीन के साथ काम करने वाले दो लोगों पर चाकू से हमला करने का आरोप है। उसने उस चाकू का प्रयोग किया था जिससे मीट काटा जाता है। अली हसन के पिता ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और दूसरे मुसलमान देशों से अपील की है कि वो उनके बेटे को देश वापस लेकर आएं। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पाकिस्तान सरकार से अपील करना चाहता हूं कि मेरे बेट को घर वापस लेकर आए।' अली हसन के पिता ने आगे कहा, 'मेरे बेटे ने जो कुछ भी किया वह इस्लाम की सर्विस के लिए था और हम एक मुसलमान देश हैं। मेरे बेटे को खुद अल्लाह ने चुना है।'
बोले-मेरा बेटा है शेरदिल बेटा
अली हसन के पिता की मानें तो उनका बेटा एक अच्छा बेटा है। वह नियमित तौर पर नमाज अता करता है और साल में दो बार मिलाद में शामिल हो चुका है। पिता की मानें तो बेटा अली मुहम्मद इलियास कादरी का अनुयायी है। इलयास कादरी एक सुन्नी मुसलमान मौलाना हैं और दावत-ए-इस्लामी संगठन के फाउंडर हैं। इस संगठन ने पूरे पाकिस्तान में मदरसों की एक श्रंखला शुरू की है। अली हसन के पिता एक किसान हैं और पाक मीडिया के मुताबिक वह पंजाब के मंडी बहादुद्दीन नामक छोटे से जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि बेटा अली दो साल के लिए फ्रांस गया था। उनके पांच बेटे हैं और तीन विदेश में रहते हैं। दो बेटे फ्रांस में और एक बेटा इटली में है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, 'मेरा बेटे का दिल एक शेर का दिल है।'
पांच साल पुराने हमले की सुनवाई जारी
घटना के बाद से ही अली हसन फरार था। साल 2015 में जब चार्ली हेब्दो ने एक इश्यू में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था तो इस्लामिक समुदाय खासा नाराज हो गया था। उस कार्टून की वजह से ही उस हमले को अंजाम दिया गया था। 23 सितंबर से पांच साल पहले हुए उस आतंकी हमले की सुनवाई शुरू हुई है। इस मौके पर ही मैगजीन ने फिर से पुराने कार्टून को छापने का फैसला किया था। मैगजीन की तरफ से साफ कहा गया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो ना तो हार मानने वाले हैं और ना किसी के सामने झुकने वाले हैं।