पाकिस्तान: सदन में बैन हुए 'सेलेक्टेड' पीएम इमरान खान, विपक्ष ने उठाए सवाल
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब देश के 'सेलेक्टेड' यानी चुने हुए पीएम नहीं हैं और यहां की नेशनल एसेंबली ने सांसदों को उन्हें इस तरह से संबोधित करने से बैन कर दिया है। इमरान खान को 'सेलेक्टेड' पीएम कहने का ट्रेंड पिछले साल पाकिस्तान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीपीपी) के मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुरू किया था। लेकिन अब सदन में कोई भी सांसद उन्हें इस तरह से संबोधित नहीं करेगा।
पीएम के लिए सेलेक्टेड शब्द सही नहीं
नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि सदन के नेता के लिए 'सेलेक्टेड' इस शब्द का प्रयोग नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो फिर यह सदन का अपमान होगा। उनका कहना था कि पीएम के लिए इस शब्द का प्रयोग नियमों और मर्यादा के खिलाफ है। डिप्टी स्पीकर की तरफ से यह निर्देश उस समय दिया गया जब ऊर्जा मंत्री उमर अयूब खान की ओर से इस मसले को उनके सामने पेश किया गया।
सेलेक्टेड नहीं इलेक्टेड पीएम कहिए
उमर का कहना था कि पीएम को बार-बार सदन में सेलेक्टेड कहना नियमों का उल्लंघन और पूरे सदन का अपमान है। उमर का कहना था कि पीएम इमरान, सेलेक्टेड नहीं बल्कि देश के 'इलेक्टेड' पीएम हैं। उन्हें एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुना गया है। जुलाई 2018 में देश में आम चुनाव हुए थे और इन चुनावों में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 123 सीटें जीतकर विशाल बहुमत हासिल किया। पार्टी ने 272 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
विपक्ष का कहना सेना के चहेते इमरान
चुनाव जीतने के बाद पीएम इमरान ने कहा, 'मैंने किसी तानाशाह के कंधे का सहारा नहीं लिया था। मैं 22 वर्षों के संघर्षों के बाद आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं।' विपक्ष का मानना है कि इमरान सेना की वजह से चुनाव जीत और वह सेना के इशारों पर ही काम कर रहे हैं। इमरान जब जीतकर नेशनल एसेंबली पहुंचे तो बिलावल ने उन्हें 'सेलेक्टेड' पीएम कहा। इसके बाद सदन में यह शब्द चल निकला और विपक्ष ने इमरान को सेलेक्टेड पीएम कहना ही शुरू कर दिया।
इमरान के अहम को खुश करने वाला फैसला
रविवार को इस फैसले के बाद से ही 'सेलेक्टेड' शब्द ट्रेंड करने लगा। वहीं बिलावल ने इस पूरे मसले पर जियो न्यूज से बात करते हुए कहा कि यह बैन बहुत ही अजीब है। बिलावल की मानें तो डिप्टी स्पीकर ने सिर्फ इमरान के अहम को संतुष्ट करने के लिए यह फैसला लिया है। बिलावल के मुताबिक 'नया पाकिस्तान में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतांत्रिक अधिकारों और मानवाधिकारों के लिए जगह कम होती जा रही है।'