पाकिस्तान ने अमेरिका से की मिन्नतें, रुकी हुई मदद को वापस से शुरू किया जाए
वॉशिंगटन। पाकिस्तान ने अमेरिका से गुहार लगाई है कि उसकी मिलिट्री हेल्प को दोबारा शुरू किया जाए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बुधवार को वॉशिंगटन में थे और यहां पर कुरैशी ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपेयो से मुलाकात की। पाकिस्तान ने अमेरिका को भरोसा दिलाया है कि अफगानिस्तान में पिछले 17 वर्षों से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए वह तालिबान के साथ समझौते को तैयार है। साथ ही उसने अमेरिका से यह भी कहा है कि वह इस्लामाबाद को आतंकवाद के लिए दोष देना बंद करे। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की मदद को रोक दिया है। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, प्रधानमंत्री इमरान खान की अफगानिस्तान नीति के बारे में बताने के लिए वॉशिंगटन गए थे। इमरान खान लगातार तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों से बातचीत की पैरवी करते नजर आए हैं।
पाकिस्तान को उम्मीद, मानेगा अमेरिका उसकी बात
अमेरिका ने एक माह पहले ही पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने का ऐलान किया था। कुरैशी ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो से मुलाकात करने के बाद कहा कि ऐसा लगता है कि पोंपेयो, पाकिस्तान की सुनने को तैयार हैं। कुरैशी की मानें तो वह अब पाकिस्तान काफी उम्मीदों के साथ वापस लौट रहे हैं। पाकिस्तान हमेशा से ही तालिबान शासन का बड़ा समर्थन रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान में कड़े इस्लामिक नियम लागू कर दिए थे। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों के बाद से यहां पर युद्ध की शुरुआत हुई तालिबान को मुंह की खानी पड़ी। अमेरिका पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान पर इस बात को लेकर दबाव डालता रहा है कि वह तमाम आतंकी संगठनों जो अफगानिस्तान में शामिल हैं और साथ ही भारत के खिलाफ साजिश कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करे। ये भी पढ़ें-पाकिस्तान ने भारत पर लगाया बेतुका आरोप, बोला कश्मीर में रासायनिक हथियारों का हो रहा है प्रयोग
आतंकवाद के लिए पाक को बताया ट्रंप ने दोषी
अमेरिका के मुताबिक पाकिस्तान के बॉर्डर इलाकों पर आतंकियों को सुरक्षित पनाह मिली हुई है। साथ ही इन आतंकियों के मिलिट्री के साथ भी करीबी रिश्ते हैं। हालांकि इस्लामाबाद की तरफ से हमेशा ही उस पर लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया गया है। ट्रंप ने पाकिस्तान को हमेशा सार्वजनिक तौर पर आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश बताया है। जिस समय अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी नेवी सील कमांडो ने पाकिस्तान में मारा था, ट्र्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को धोखा देने का आरोप लगाया था। कुरैशी की मानें तो पाकिस्तान एक भरोसे के साथ तालिबान के साथ मिलकर कूटनीति की शुरुआत करेगा। कुरैशी के मुताबिक पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम करना चाहता है और साथ ही वह अपने प्रभाव का प्रयोग भी उसके लिए करने को तैयार है। कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति पाकिस्तान से भी जुड़ी हुई है। ये भी पढ़ें-पाकिस्तान को CPEC के कर्ज में डूबने का डर, चीनी प्रोजेक्ट पर इमरान ने फिर किया विचार