पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश की आबादी को बताया, 'टिकटिक करता हुआ टाइम बम'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ती जनसंख्या को 'टिकटिक करता हुआ टाइम बम' करार दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को धार्मिक विद्वानों, नागरिक संगठनों और सरकार से जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को बढा़वा देने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए उपायों में हर परिवार में परिवार दो बच्चों का नियम भी शामिल है। चीफ जस्टिस साकिब निसार के नेतृत्व वाली तीन सदस्यों की एक बेंच ने पाकिस्तान में जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े मामले की सुनवाई करने के दौरान यह बात कही।
आबादी के मामले में दुनिया का पांचवां देश
पाकिस्तान दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में धार्मिक विद्वानों, नागरिक संगठनों और सरकार से देश में जनसंख्या नियंत्रण के कदमों का प्रचार के लिए कदम उठाने की अपील की। पाक के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पूरे देश को जनसंख्या नियंत्रण के कदम के साथ खड़े होने की जरूरत है। इससे पहले चीफ जस्टिस साकिब निसार का कहना था कि उनका अगला अभियान बढ़ती जनसंख्या के खिलाफ होगा।बढ़ती जनसंख्या से जुड़े एक मामले की सुनवाई जुलाई 2018 में भी हुई थी। उस समय चीफ जस्टिस ने कहा था कि 'जनसंख्या बम' को निष्क्रिय करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ संबंधित कानून भी जरूरी है।
परिवार में एक बच्चे वाला कानून
न्यायमूर्ति निसार ने कहा कि वह पाकिस्तान में जनसंख्या नियंत्रण पर जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान चलाने पर विचार कर रहे हैं। पाकिस्तान में बांध बनाने के लिए बर्मिंघम में आयोजित फंडरेजर में जियो न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सचिव कैप्टन (रिटायर्ड) जाहिद सईद की अध्यक्षता में परिवार नियोजन पर एक कार्यबल का गठन किया जा चुका है। उन्होंने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में 12 और 13दिसंबर को एक सम्मेलन का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस उस सम्मेलन का हिस्सा होंगे। उन्होंने यह बात भी बताई कि पाकिस्तान के संसाधन खत्म हो रहे हैं और अंतत: इससे संसाधनों के असमान वितरण की स्थिति पैदा होगी। यह देश की मौलिक चिंताओं में से एक है जिससे निपटना जरूरी है।