पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर बहादुर कमांडो हैं परवेज मुशर्रफ तो 14 जून को दोपहर 2 बजे तक वापस लौटें'
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ को आदेश दिया है कि वह 14 जून को दोपहर दो बजे तक देश वापस लौटें। सात जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुशर्रफ कोर्ट में हाजिर हों। साथ ही कोर्ट ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उन्हें देश वापस आने पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
लाहौर। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ को आदेश दिया है कि वह 14 जून को दोपहर दो बजे तक देश वापस लौटें। सात जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुशर्रफ कोर्ट में हाजिर हों। साथ ही कोर्ट ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उन्हें देश वापस आने पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट एक ऑर्डर पास करेगा जिसमें अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा कि वे मुशर्रफ को कोर्ट में पेश होने पर गिरफ्तार नहीं करेंगी।
राजनेता की तरह दावे कर रहे मुशर्रफ
चीफ जस्टिस साल 2015 में मुशर्रफ की ओर से दायर एक केस की सुनवाई कर रहे थे। यह केस में मुशर्रफ ने साल 2013 में हुए आम चुनावों में उनके नॉमिनेशन पेपर्स को खारिज करने के विरोध में दायर किया था। बुधवार को इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की लाहौर रजिस्ट्री में हो रही थी। चीफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए कहा कि गुरुवार को मुशर्रफ को दोपहर दो बजे तक वापस लौटना होगा। मुशर्रफ अगर नहीं आते हैं तो फिर फैसला कानून के मुताबिक ही सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया वह मुशर्रफ की ओर से लगाई गई शर्तों का पालन करने को लेकर बाध्य नहीं हैं। चीफ जस्टिस निसार ने कहा, 'मुशर्रफ को यह सुनिश्चित किया गया था उन्हें सुरक्षा दी जाएगी लेकिन हम उन्हे लिखित भरोसा देने के लिए बाध्य नहीं हैं।' उन्होंने आगे टिप्पणी की, 'अगर वह कमांडो हैं तो वह कोर्ट में पेश हों। राजनेता की तरह उन्हें सिर्फ वापसी का दावा ही नहीं करते रहना चाहिए।'
कमांडो को डर कैसा
चीफ जस्टिस निसार ने यह भी कहा कि जुलाई में होने वाले आम चुनावों में मुशर्रफ का नामांकन मान्य नहीं होगा अगर वह पाकिस्तान लौटने में असफल हो जाते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा, 'मुशर्रफ को किससे सुरक्षा चाहिए और वह क्यों डर रहे हैं?' उन्होंने कहा, 'वह एक बहादुर कमांडो हैं तो फिर क्यों डर रहे हैं?' मुशर्रफ के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि वह देश आकर देशद्रोह के आरोपों का सामना करने को तैयार हैं अगर उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाए। मुशर्रफ के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट की तबियत खराब है और एक मेडिकल बोर्ड को उनकी जांच करनी होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोर्ट मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश देगा। चीफ जस्टिस निसार ने कहा, 'मुशर्रफ एयर एंबुलेंस में पाकिस्तान लौट सकते हैं और हम एक मेडिकल बोर्ड का गठन उनके लिए कर देंगे।' मार्च 2016 में मुशर्रफ बीमारी का बहाना करके दुबई चले गए थे और तब से पाकिस्तान वापस नहीं लौटे हैं।