अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी पर आया पाकिस्तान को गुस्सा, भेजा राजदूत को बुलावा
इस्लामाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों से नाराज पाकिस्तान ने विरोध जताने के लिए अमेरिकी राजदूत को तलब किया है। ट्रंप ने आतंकवादियों के खिलाफ रवैये को लेकर पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी और अल कायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन की मौत का जिक्र किया था। रविवार को ट्रंप ने अपने फेवरिट फॉक्स न्यूज को इंटरव्यू दिया था। इसी इंटरव्यू में ट्रंप ने लादेन का जिक्र किया और साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ भी नहीं किया है। ट्रंप की मानें तो पाक ने उन 'एजेंट्स' को पनाह दे रखी है जिन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों और नागरिकों को मारने का काम किया है। ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद से पाकिस्तान में भूचाल की स्थिति है और प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से भी बयान जारी किया जा चुका है।
इमरान बोले पाकिस्तान जितनी मदद किसी ने नहीं
इमरान खान ने ट्रंप पर हमला बोला और कहा कि अमेरिका के लिए कुछ साथियों ने अपना बलिदान तक दे दिया। इमरान ने ट्विटर पर लिखा कि पाकिस्तान ने अमेरिका की जितनी मदद की और उसके लिए जितना बलिदान किया है, उतना शायद किसी और ने किया हो। ट्रंप के बयान और इमरान के ट्विटर के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो गया है। अमेरिका लगातार इस बात को कहता आया है कि अफगानिस्तान में मौजूद आतंकियों पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान ने कुछ भी नहीं किया है। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया, 'विदेश मंत्री ने अमेरिका के राजदूत पॉल जोन्स को बुलाकर उनके सामने पाकिस्तान के खिलाफ अपुष्ट और अवांछित आरोपों पर विरोध दर्ज कराया गया है।'
सेना ने कहा दुनिया स्वीकारे पाकिस्तान का बलिदान
मई 2011 में एबट्टाबाद में यूएस नेवी सील कमांडो की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया गया था। इसके बाद से ही अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में कड़वाहट आ गई। इस वर्ष जनवरी में व्हाइट हाउस की ओर से ऐलान किया गया कि पाक को मिलने वाली 300 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद को रोका जा रहा है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच नए सिरे पर पहुंच गया। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की ओर से भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति के लिए जितने प्रयास किए हैं, उतने शायद ही किसी और देश की तरफ से किए गए हों। पाक मिलिट्री के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, 'पाकिस्तान ने मिलिट्री, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सबसे ज्यादा कीमत चुकाई है और दुनिया को यह बात स्वीकार करनी चाहिए।' यह भी पढ़ें-अमेरिका ने फिर रोकी पाक की मदद, इस बार 1.66 बिलियन डॉलर रुके