जिन्ना हाउस पर बोला पाकिस्तान, कैद-ए-आजम के घर पर नहीं छोड़ेंगे दावा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि वह मुंबई स्थित जिन्ना हाउस पर दावा नहीं छोड़ेगा। जिन्ना हाउस पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का घर है जिन्हें यहां पर कैद-ए-आजम के नाम से भी जानते हैं। बंटवारे से पहले तक जिन्ना, मुंबई में ही रहते थे और बंटवारे के बाद कराची चले गए थे। जिन्ना हाउस पर पाकिस्तान का यह बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की उस चिट्ठी के बाद आया है जिसमें उन्होंने एक विधायक को जानकारी दी है कि भारत का विदेश मंत्रालय इसे अपने हिस्से में लेने जा रहा है।
बना हुआ है विवाद का केंद्र
जिन्ना
हाउस
भारत
सरकार
और
जिन्ना
की
बेटी
दीना
वाडिया
के
बीच
कानूनी
लड़ाई
की
वजह
बना
हुआ
है।
दीना
वाडिया
ने
बॉम्बे
हाई
कोर्ट
में
साल
2007
में
याचिका
दायर
की
थी
और
उन्होंने
संपत्ति
पर
हक
मांगा
था।
पिछले
वर्ष
नवंबर
में
वाडिया
का
निधन
हो
गया
है।
जिन्ना
हाउस
का
निर्माण
सन्
1936
में
हुआ
था
और
2.5
एकड़
की
जमीन
पर
फैले
इस
घर
को
क्लाउड
बेटले
नामक
आर्किटेक्ट
ने
डिजाइन
किया
था।
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
के
आधिकारिक
निवास
वर्षा
के
ठीक
सामने
जिन्ना
हाउस
आजादी
के
समय
जारी
कई
राजनीतिक
गतिविधियों
का
केंद्र
था।
सुषमा
स्वराज
ने
कहा
है
कि
जिन्ना
हाउस
को
इंडियन
काउंसिल
फॉर
कल्चरल
रिलेशंस
(आईसीसीआर)
से
हासिल
करने
के
बाद
इसे
इंटरनेशनल
कनवेंशन
सेंटर
के
तौर
पर
तब्दील
कर
दिया
जाएगा।
यह
भी
पढ़ें-विदेश
मंत्रालय
के
हिस्से
आएगा
मुंबई
स्थित
मोहम्मद
अली
जिन्ना
का
घर
जिन्ना
हाउस
पाक
विदेश
विभाग
की
ओर
से
हामिद
नेहाल
अंसारी
पर
भी
जवाब
दिया
गया
है।
विदेश
विभाग
के
प्रवक्ता
डॉक्टर
शाह
फैसल
ने
कहा
है
कि
पाकिस्तान
नियम
और
कानूनों
के
मुताबिक
काम
करता
है।
ऐसे
में
सजा
पूरी
होने
के
बाद
वह
किसी
भी
कैदी
को
जेल
में
नहीं
रख
सकता
है।
फैसल
ने
कहा
कि
अंसारी
को
रिहा
करने
का
मतलब
यह
नहीं
है
कि
कश्मीर
विवाद
पर
पाकिस्तान
अपने
रुख
से
पीछे
हट
गया
है।