परमाणु परीक्षण की 20वीं सालगिरह पर पाकिस्तान ने कहा भारत की वजह से करना पड़ा था न्यूक्लियर टेस्ट!
पाकिस्तान ने दावा यिा है कि उसने दो दशक पहले भारत की विरोधी और शत्रुतापूर्ण नीतियों की वजह से साल 1998 में वह परमाणु परीक्षण करने पर मजबूर हुआ था। 11-13 मई 1998 को भारत की ओर से पोखरण में परमाणु परीक्षण को अंजाम दिया गया था तो इसके सिर्फ 15 दिन बाद यानी 28 मई को पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किए थे।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने दो दशक पहले भारत की विरोधी और शत्रुतापूर्ण नीतियों की वजह से साल 1998 में वह परमाणु परीक्षण करने पर मजबूर हुआ था। 11-13 मई 1998 को भारत की ओर से पोखरण में परमाणु परीक्षण को अंजाम दिया गया था तो इसके सिर्फ 15 दिन बाद यानी 28 मई को पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किए थे। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से 28 मई को परमाणु परीक्षण की 20वीं सालगिरह पर यह बयान जारी किया गया है। पाक का कहना है कि भारत की ओर से हुए परमाणु परीक्षणों के बाद दक्षिण एशिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का अवसर बिल्कुल ही खत्म हो गया था।
भारत ने किया मजबूर
विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा पाकिस्तान को यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया था। पाक ने आत्मरक्षा के मकसद से परमाणु परीक्षण किए और साथ पड़ोसी मुल्क की ओर से विरोधी नीतियां भी इसकी अहम वजह रहीं। इन सारी बातों की वजह से दुर्भाग्यवश दक्षिण एशिया को परमाणु हथियारों से मुक्त रखने का सपना खत्म हो गया। भारत पर आक्रामक होते हुए मोहम्मद फैसल ने दावा किया कि पाकिस्तान हमेशा से ही इस मकसद के साथ आगे बढ़ता रहा है।
15 दिन बाद ही पाक ने किया टेस्ट
भारत ने मई 1998 में राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। मोहम्मद फैसल के मुताबिक पाक हमेशा से विश्व शांति और रणनीतिक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही साल 1998 से अपनी परमाणु क्षमता को लेकर सबसे ज्यादा नियंत्रण और जिम्मेदारी बरती है। मोहम्मद फैसल का कहना था कि पाक दक्षिण एशिया में स्थिरता को आगे बढ़ाने में हमेशा से ही सक्रिय रहा है। फैसल ने यह भी कहा कि उसके इन मकसदों की वजह से पाकिस्तान ने भारत को परमाणु और पारंपरिक हथियारों के क्षेत्र में भरोसा कायम करने के लिए कई उपायों की पेशकश की थी। इसमें साल 2004 पाकिस्तान-भारत की ओर से जारी साझा बयान भी था जिसमें दोनों देशों ने स्थिरता के लिए परमाणु क्षमताओं को पहचाना था।
भारत के मिसाइल परीक्षण से घबराया पाकिस्तान!
मोहम्मद फैसल के मुताबिक पाकिस्तान क्लाइमेट चेंज की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है। पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा को साल 2050 तक बढ़ाकर 40,000 मेगावॉट करना चाहता है क्योंकि पाक इसे एक साफ-सुथरी और सस्ती ऊर्जा का विकल्प मानता है। पाक की मानें तो हिंद महासागर को परमाणु ताकत से लैस करना और उसके पड़ोस में लगातार बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होना चाहिए क्योंकि ये सारे प्रकरण क्षेत्रीय जटिलता को बढ़ावा देते हैं।