फ्लॉप शो साबित हुआ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कार नीलाम करने का आइडिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्राइम मिनिस्टर हाउस में मौजूद 100 आलीशान कारों को बेचकर पैसा इकट्ठा करने की जो योजना तैयार की थी, वह पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित हुई। इमरान खान के 'कार बेचो' आइडिया को तारीफ से ज्यादा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्राइम मिनिस्टर हाउस में मौजूद 100 आलीशान कारों को बेचकर पैसा इकट्ठा करने की जो योजना तैयार की थी, वह पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित हुई। इमरान खान के 'कार बेचो' आइडिया को तारीफ से ज्यादा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और साथ ही इतनी रकम भी इकट्ठा नहीं हो सकी जो खजाने को थोड़ी राहत पहुंचा सके। इमरान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जियो टीवी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बहुत कम कारें बिकीं और उम्मीद के मुताबिक रकम भी जुट नहीं पाई। ये भी पढ़ें-1,28,000 रुपए रोज खर्च करके हेलीकॉप्टर से रोज ऑफिस पहुंचते हैं पीएम इमरान खान!
आर्थिक फायदा मिलेगा इस पर शक
इमरान की ओर से कारों की नीलामी की प्रक्रिया को देश का पैसा इसके हकदारों तक पहुंचाने के लिए एक मुहिम करार दिया गया था। सरकारी अधिकारी मोहम्मद आसिफ ने जियो न्यूज को जानकारी दी है कि सोमवार को हुई नीलामी में 100 से भी ज्यादा कारें मौजूद थीं और इनकी नीलामी से बमुश्किल 200 मिलियन रुपए यानी 1.6 मिलियन डॉलर की रकम ही इकट्ठा हो सकी। जिस रकम का अनुमान लगाया था यह सिर्फ उसका 10वां हिस्सा है। नीलामी में सिर्फ 61 कारें ही बिक सकी थीं। आलोचकों का कहना है कि इमरान की ओर से उठाए गए कदम सिर्फ प्रतीकात्मक कदम ही साबित हो रहे हैं और इनसे कोई बड़ा आर्थिक फायदा मिलने की उम्मीद भी बहुत कम है।
|
खुद पर खर्च हर रकम का हिसाब देंगे इमरान
इमरान खान जिन्होंने पिछले वर्ष सत्ता संभाली है, उन्होंने एक चुनावी रैली में वादा किया था कि वह खर्चों में कमी करेंगे और साथ ही सरकारी अधिकारियों के बेड़े में शामिल कारों को भी कम किया जाएगा। साथ ही जमीन को भी बेचा जाएगा। शुक्रवार को इमरान ने अपने एक भाषण में कहा था, 'अब लोगों का माइंडसेट बदल रहा है। जो भी रकम मुझ पर खर्च होगी, मैं उसका पूरा हिसाब रखूंगा।' सोमवार को जो 101 कारें नीलामी के लिए मौजूद थीं उनमें से कई गाड़ियां ऐसी थीं जो 10 वर्ष से ज्यादा पुरानी थीं। वहीं दो कारें ऐसी थीं जो 32 वर्ष पुरानी थीं और ये दोनों ही टोयोटा कोरोला थीं।
खुद हेलीकॉप्टर से सफर कर रहे हैं पीएम खान
इस नीलामी के जरिए इमरान सरकार वित्तीय घाटे को पूरा करना चाहती थी जो इस वर्ष बढ़कर 1.7 ट्रिलियन रुपए हो जाएगा। हालांकि इमरान खान को कारों की नीलामी के अलावा उनके हेलीकॉप्टर प्रयोग को लेकर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इमरान रोजाना अपने बनी गाला स्थित घर से अपने ऑफिस तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग कर रहे हैं। राजनीतिक टिप्पणीकार रजा रूमी की ओर से कहा गया है कि वर्तमान समय में जो पहल की गई है वह नई नहीं है। सरकार पहले भी पुरानी पड़ चुकी गाड़ियों की नीलामी कर चुकी है लेकिन इसे पब्लिसिटी कभी इतनी नहीं मिली। इस बार सारा खेल पब्लिसिटी का है। नीलामी में कुछ ऐसे आइटम भी थे जिनमें लोगों क रूचि बहुत कम थी। इसमें 1.5 मिलियन डॉलर की कीमत वाली बुलेट प्रूफ मर्सिडीज भी शामिल थी।