कराची में तीन बुलेट प्रूफ कारों के साथ सफर करता है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, FATF में पाकिस्तान ने साधी चुप्पी
पेरिस।
फाइनेंशियल
एक्शन
टास्क
फोर्स
(एफएटीएफ)
की
तरफ
से
पाकिस्तान
को
ग्रे
लिस्ट
में
रखने
का
फैसला
किया
गया
है।
इस
बात
की
खबर
भी
आ
रही
है
कि
फ्रांस
की
राजधानी
पेरिस
में
जारी
एफएटीएफ
की
मीटिंग
में
पाकिस्तान
अंडरवर्ल्ड
डॉन
दाऊद
इब्राहिम
पर
चुप्पी
साधे
हुए
है।
इंग्लिश
डेली
हिन्दुस्तान
टाइम्स
की
ओर
से
इस
बाबत
एक
रिपोर्ट
पब्लिश
की
है।
अखबार
ने
सूत्रों
के
हवाले
से
इस
बात
के
बारे
में
जानकारी
दी
है।
आपको
बता
दें
कि
दाऊद
इब्राहिम
साल
1993
में
हुए
बॉम्बे
ब्लॉस्ट
का
मास्टरमाइंड
है।
इन
हमलों
में
200
से
ज्यादा
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
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नवंबर 2003 में UN ने बताया आतंकी
एफएटीएफ की मीटिंग में पाक को जब ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने पर चर्चा की जा रही थी तो उस समय दाऊद का जिक्र भी हुआ था। पाक ने एफएटीएफ में एक विस्तृत जवाब दाखिल किया है। इसके तहत उसने मंगलवार को दावा किया है कि उसने संगठन की ओर से सुझाए गए 27 एक्शन प्वाइंट्स में से 14 को सफलतापूर्वक लागू किया है। वहीं 11 बिंदुओं को आशिंक तौर पर लागू किया जा चुका है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तान की रिपोर्ट में दाऊद इब्राहिम का जिक्र ही नहीं था। यूएन का मानना है कि दाऊद का संबंध अल कायदा से रहा है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की 1267 कमेटी की तरफ से दाऊद इब्राहिम को नवंबर 2003 में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जा चुका है। हर बार खबरें आती हैं कि दाऊद कराची में ही है। पाकिस्तान ने साल 2010 में बतौर पाकिस्तानी नागरिक बताते हुए उसका पासपोर्ट भी जारी किया था। इन सबके बाद भी पाक ने एफएटीएफ की मीटिंग में चर्चा के दौरान उसका जिक्र नहीं किया।
अमेरिका ने रखा दाऊद के सिर पर ईनाम
शुक्रवार को एफएटीएफ की तरफ से इस बात पर फैसला लिया जाएगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाए या नहीं। एक अधिकारी ने बताया , 'पाकिस्तान अपने दोस्त चीन की मदद से ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिशें कर रहा है मगर एफएटीएफ को दिए उसके जवाब में कहीं भी दाऊद का जिक्र ही नहीं था।' भारत और अमेरिका की तरफ से मीटिंग में दाऊद का मुद्दा उठाया गया था। पाकिस्तान हमेशा से इस बात को मानने से इनकार करता रहा है कि आतंकी और माफिया डॉन दाऊद उसके देश में हैं। साथ ही वह कई मौकों पर इस बात को मानने से भी इनकार कर चुका है कि दाऊद पाक का नागरिक है। यूएन और अमेरिका के वित्त मंत्रालय की तरफ से दाऊद को पाक में ही बताया गया है। अमेरिका ने तो दाऊद के सिर पर ईनाम भी रखा है।
ये हैं कराची में दाऊद के चार ठिकाने
मार्च 2010 में 1267 कमेटी जिसे अल कायदा प्रतिबंध समिति भी कहते हैं, उसकी तरफ से इब्राहिम के चार पते बताए गए थे। दाऊद के ये पते अमेरिका के पास दर्ज हैं- Karachi/Pakistan, White House, Near Saudi Mosque, Clifton, House Nu 37-30th Street-defence, Housing Authority Karachi Pakistan, Property at Margalla Raod F 6/2 Street no. 22, House number 29 in Karachi. राजधानी दिल्ली में भी इंटेलीजेंस एजेंसियों और काउंटर-टेरर ऑपरेटिव्स का मानना है कि दाऊद, कराची में आईएसआई की सुरक्षा में रह रहा है। उसके पास तीन बुलेट प्रूफ गाड़ियां हैं और अक्सर वह इस्लामाबाद जाता रहता है।
आर्मी हेडक्वार्टर से जारी दाऊद का नया पासपोर्ट
यूएन की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि दाऊद का नया पासपोर्ट रावलपिंडी से जारी किया गया है। यह वह जगह पर पाकिस्तान आर्मी की हेडक्वार्टर है। सन् 1980 और 1990 की शुरुआत तक दाऊद के पास भारत और यूएई का पासपोर्ट था। अगस्त 2015 में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजित डोवाल और उनके तत्कालीन पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज की मीटिंग से पहले भारत की तरफ से पाक को एक डॉजियर सौंपा गया था और उसमें भी दाऊद के कराची में होने की बातें दर्ज थीं। इस डॉजियर में वह टेलीफोन बिल भी शामिल था जो उसकी पत्नी महजबीन शेख के नाम पर था। उस समय डोवाल ने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर दाऊद को पनाह नहीं देनी चाहिए।