तो ले. कर्नल हबीब जहीर के बदले पाकिस्तान रिहा करेगा कुलभूषण जाधव को, ढाई साल बाद अचानक आई याद!
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपने गायब रिटायर्ड आर्मी आफिसर का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए हबीब जहीर अप्रैल 2017 से लापता हैं और पाक का कहना है कि उनकी गुमशुदगी के पीछे भारत है। पाक विदेश मंत्रालय की ओर से इस पूरे मसले पर एक बयान जारी किया गया है। यह उसी समय का मसला है जब पाक मिलिट्री की ओर से कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब नेपाल गए थे और इसके बाद से उनका पता नहीं लग पा रहा है।
जाधव की रिहाई के लिए होगी शर्त 0.
पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से इस पूरे मसले पर उस समय बयान जारी किया गया, जब मीडिया की तरफ से इससे जुड़ा एक सवाल पूछा गया था। विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब, भारत की कस्टडी में हैं और इस बात की आशंका जताई जा रही है कि जाधव की रिहाई के बदले उन्हें छोड़ा जा सकता है। विदेश विभाग की प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि पाक आर्मी के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब अप्रैल 2017 में एक जॉब इंटरव्यू के लिए नेपाल गए थे और इसके बाद से ही उनका कुछ अता-पता नहीं है। पाक विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि उन्हें भारत की एजेंसी की ओर से बंधक बना लिया गया है। पाक का कहना है कि जब तक वह देश वापस नहीं आ जाते, तब तक खामोश नहीं बैठेंगे।
बुधवार को अचानक हुआ जिक्र
जो बात हैरान करने वाली है वह है कि पाक की ओर से अचानक करीब ढाई साल बाद एक ज्ञापन के जरिए हबीब जहीर के लापता होने का मुद्दा उठाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय कैदी जाधव की रिहाई के बदले जहीर की आजादी मांगी जा सकती है। पाक के मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर सजा सुनाई है। पाकिस्तान का दावा है कि अप्रैल 2017 में जिस समय जाधव को मौत की सजा सुनाई दी गई, ठीक उसके कुछ समय बाद ही हबीब जहीर को जॉब ऑफर का लालच देकर फंसा लिया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि हबीब, नेपाल और भारत के बॉर्डर के करीब लुम्बिनी नामक जगह से गायब हुए हैं। पाक सरकार के मुताबिक इस समय वह भारत की हिरासत में हैं।
इंटरव्यू के लिए नेपाल जाने का दावा
पाक का कहना है कि भारत के सामने इस मसले को लेकर बार-बार अनुरोध किया जा रहा है कि हबीब का पता लगाया जाए लेकिन हर बार इसे अनसुना कर दिया जा रहा है। इस्लामाबाद की तरफ से यूनाइटेड नेशंस से इस पर अपील की जा चुकी है। पाक सरकार की मानें तो हबीब के लापता होने की खबरें विदेशी देशों की मीडिया में भी आई हैं। हबीब के परिवार का दावा है कि उन्होंने लिंक्डइन और यूएन की वेबसाइट पर पर सीवी पोस्ट किया था। उन्हें एक कॉल और एक ई-मेल आया था जिसे मार्क नामक एक व्यक्ति ने भेजा था। उन्हें बताया गया था कि उनका सीवी वाइस-प्रेसीडेंट की जॉब के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। इसके बाद उन्हें काठमांडू आने के लिए कहा गया और लाहौर-ओमान-काठमांडू फ्लाइट का टिकट भी भेजा गया। इंटरव्यू की तारीख छह अप्रैल 2017 थी।
भारत पर लगाया आरोप
पाक का कहना है कि जो मोबाइल नंबर मार्क के नाम पर दर्ज है, वह यूनाइटेड किंगडम का था और जांच करने पर गलत साबित हुआ। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि जिस वेबसाइट के जरिए हबीब से संपर्क किया गया था वह भारत से ऑपरेट हो रही थी और कुछ दिनों बाद बंद हो गई। पाक के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि काठमांडू पहुंचने के बाद हबीब, बुद्धा एयर से लुम्बिनी एयरपोर्ट के लिए निकले थे। छह अप्रैल को दोपहर एक बजे लुम्बिनी पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को मैसेज किया था जो कि भारतीय सीमा से पांच किलोमीटर दूर है। पाक के बयान के मुताबिक इसके बाद से ही उनसे कोई कॉन्टैक्ट नहीं हो सका है।